पश्चिम चंपारण(बगहा): निर्माणाधीन जलमीनार में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. यहां अभियंताओं और संवेदकों द्वारा भारी लापरवाही बरती जा रही है. जबकि निर्माण एजेंसी और मौके पर मौजूद अभियंताओं का ध्यान सुरक्षा मानकों के तरफ दिलाये जाने के बावजूद प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है.
निर्माणाधीन जलमीनार में बरती जा रही भारी लापरवाही
बगहा में 61 करोड़ की लागत से 5 जलमीनार बनाया जाना प्रस्तावित है. जिसके अंतर्गत बगहा अनुमंडल और प्रखण्ड के समीप एक जलमीनार का निर्माण तीव्र गति से चल रहा है. लेकिन यहां निर्माण एजेंसी और अभियंताओं द्वारा भारी लापरवाही बरतने का मामला सामने आया है. कारण है यहां हो रहे निर्माण में सुरक्षा मानकों का बिल्कुल ही ख्याल नही रखा जा रहा है.
बगैर सेफ्टी किट के मजदूर कर रहे कार्य बगैर सेफ्टी किट के मजदूर कर रहे कार्य
सरकार के महत्वाकांक्षी नल जल योजना के तहत बन रहे इस जलमीनार की ऊंचाई तकरीबन 70 फिट है. बावजूद इसके यहां संवेदक और अभियंता सुरक्षा मानकों को ताक पर रख कर मजदूरों से अपने सामने ही बगैर सेफ्टी किट के कार्य करा रहे हैं. ईटीवी भारत संवाददाता की नजर जब जलमीनार के ऊपर कार्य कर रहे मजदूरों पर गई तो देखने मे आया कि मजदूर बिना हेलमेट , ग्लव्स और सेफ्टी बेल्ट के ही कार्य कर रहे थे. जब इस बाबत संवाददाता ने अभियंता का ध्यान आकृष्ट कराया तो वे जवाब देने से बचते नजर आए और बगले झांकने लगे.
निर्माणाधीन जलमीनार में बरती जा रही भारी लापरवाही हादसे का इंतजार या होगी कार्रवाई ?
हालांकि इस मामले पर स्थानीय जदयू नेता का कहना है कि ऐसे निर्माण एजेंसियों पर कार्रवाई होनी चाहिए, जो सुरक्षा मानकों का ध्यान नही रखतेऔर किसी तरह की अनहोनी को न्योता देते हैं. अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन इस लापरवाही पर कितना गंभीर होता है.