बेतिया:पश्चिम चंपारण के बेतिया में अपर जिला सत्र न्यायाधीश षष्टम सह पोक्सो अधिनियम के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद प्रसाद ने नाबालिग लड़की के अपहरण मामले की सुनवाई पूरी करते हुए एक युवती को दोषी करार दिया है. इसके बाद सजा के बिंदू पर सुनवाई करते हुए पांच वर्ष कारावास और पचास हजार रुपए जुर्माना का आदेश दिया है.
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क्या है मामला: इस मामले के विशेष लोक अभियोजक वेद प्रकाश द्विवेदी ने बताया कि सजायाफ्ता युवती झारखंड के देवघर जिला अन्तर्गत माधवपुर थाना की स्थाई निवासी है. घटना चनपटिया थाना क्षेत्र की है. 15 अप्रैल 22 की सुबह नाबालिग लड़की नहर की तरफ शौच के लिए गई हुई थी. उसके बाद वह घर नहीं लौटी. काफी खोजबीन के बाद भी वह नहीं मिली.
देवघर से बरामदः इस संबंध में नाबालिग लड़की के पिता की ओर से चनपटिया थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई. उसने घटना की पूरी जानकारी थाने को दी. पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करते हुए जांच शुरू की. पांच दिन के बाद पुलिस ने अपहृत लड़की को देवघर जिला के माधवपुर गांव से सजायाफ्ता के घर से बरामद कर लिया. इसके बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दायर की. मजबूती से गवाह पेश किये.
कोर्ट ने सुनायी सजाः अपर जिला सत्र न्यायाधीश षष्टम सह पोक्सो अधिनियम के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद प्रसाद ने आरोपी को दोषी ठहराया. सजा के बिंदु पर बहस सुनने के बाद न्यायाधीश ने दोषी ठहरायी गयी युवती को धारा-363 में पांच वर्ष कारावास की सजा सुनाई है. न्यायाधीश ने सजायाफ्ता युवती को पचास हजार रुपए जुर्माना भी देने का आदेश दिया है. यह राशि पीड़िता को दी जाएगी.