बगहा:भारत-नेपाल सीमा पर स्थित पश्चिम चंपारण जिले के वाल्मीकि नगर में गंडक नदी किनारे त्रिवेणी संगम पर माघ मौनी अमावस्या मेला इस साल नहीं लगेगा. बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से मेला आयोजन करने की अनुमति नहीं (Magha Mauni Amavasya Mela Suspended Due to Corona) दी गयी है. श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में स्नान इस पवित्र मौके पर स्नान नहीं कर पायेंगे. लिहाजा दोनों देश भारत और नेपाल के श्रद्धालु निराश हैं.
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बता दें कि वाल्मीकि नगर के नारायणी गंडक नदी के तट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में स्नान करते हैं. इस दौरान दान-पुण्य की भी परंपरा है. इंडो नेपाल सीमा अंतर्गत गण्डक नदी में सोनभद्र, ताम्रभद्र और नारायणी नदी मिलती है. लिहाजा प्रयागराज के बाद यह दूसरा बड़ा त्रिवेणी संगम है.
गंडक नदी तट पर प्रत्येक वर्ष मौनी अमावस्या माघ मेला में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंचती है. अहले सुबह से त्रिवेणी संगम पर श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाते हैं. इस दौरान लोग गौ, तिल, चावल, नगदी का दान करते हैं. मान्यता है कि माघ मौनी अमावस्या पर स्नान और दान से मोक्ष मिलता है.
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व अंतर्गत नारायणी नदी त्रिवेणी संगम में स्नान करने आने वाले भक्तों के आने का तांता तीन दिन पूर्व से ही शुरू हो जाता था. दरअसल, माघ मौनी अमावस्या तिथि के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है.