बेतिया: बेतिया के वाल्मीकिनगर स्थित गंडक बैराजसे 1 लाख 20 हजार क्यूसेक पानी नदी में छोड़ा गया है. जिसके बाद इलाके में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. सोमवार को गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने से नारायणी गंडक नदी का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है. यहीं कारण है कि नदी में भारी उफान के साथ बाढ़ की संभावना तेज हो गई है. इससे योगापट्टी के दियारावर्ती क्षेत्र सिसवा, मंगलपुर के ग्रामीणों में भय और दहशत का माहौल है और लोग पलायन करने लगे हैं.
Bettiah News: गंडक नदी बैराज से छोड़ा गया 1 लाख 20 हजार क्यूसेक पानी, बढ़े जलस्तर से ग्रामीणों में दहशत - Water discharge from Gandak Barrage
बेतिया में गंडक नदी में लगातार जलस्तर बढ़ रहा है. जिसकी वजह से लोगों ने पलायन शुरू कर दिया है. साथ ही लोगों में बाढ़ को लेकर दहशत का माहौल है. ग्रामीणों को अब बाढ़ कटाव का भय सताने लगा है. पढ़ें पूरी खबर..
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बाढ़ का बढ़ने लगा खतरा:वाल्मीकिनगर गंडक बैराज से पानी डिस्चार्ज होने से नीचले इलाके में बाढ़ का खतर बढ़ गया है. इससे बाढ़ और कटाव का खतरा बढ़ने लगा है. नदी से घिरा 13 नंबर वार्ड में सैकड़ों की आबादी है. हर साल ग्रामीण सरकार से नाव की मांग करते हैं, लेकिन सरकार सिर्फ आश्वासन देती है. ग्रामीण जिला प्रशासन से नाव की मांग कर रहें है ताकि दियारा क्षेत्र से अपने सामानों के साथ बाहर आ सके. साथ ही साथ पक्का ठोकर कराने की मांग कर रहें हैं. जिससे कटाव को रोका जा सके.
सरकार से नाव की लगाई गुहार:योगापट्टी के दियारा क्षेत्र के ग्रामीण हर साल नाव की मांग करते हैं. अब यहां के लोग पूरे चार महीने तक टापू में रहने को मजबूर हैं. ना कोई गांव में जाने का रास्ता है और ना आने का सहारा है. आने जाने का रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया है. प्रशासन हो या जनप्रतिनिधि अब चार महीने तक ग्रामीणों का सुध नहीं लेंगे. नदी का जलस्तर बढ़ने से ग्रामीणों को अब बाढ़ कटाव का भय सताने लगा है.
"गंडक नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. सिसवा और मंगलपुर में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. पानी में फसल डूब गई है. प्रशासन से हम लोगों को जल्द से जल्द नाव की देने की व्यवस्था कराये. जिससे हमलोग अपना सामान निकाल सके."- ग्रामीण