बिहार

bihar

ETV Bharat / state

ग्राउंड रिपोर्ट: बेतिया का महेशड़ा गांव बना टापू, महादलित बस्ती के लोग दाने-दाने के लिए मोहताज

बेतिया के महेशड़ा गांव में हर साल की तरह इस बार भी बाढ़ (Flood) ने तांडव मचाना शुरू कर दिया है. सड़के डूब चुकी हैं और कई घरों में भी पानी घुस चुका है. आलम ये है कि लोगों के सामने राशन-पानी की भी किल्लत हो गई है.

bettiah
bettiah

By

Published : Jul 4, 2021, 1:45 PM IST

बेतिया:पश्चिम चंपारण जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण कई प्रखंड बाढ़ की चपेट (Flood in Bettiah ) में आ गए हैं. सिकटा प्रखंड के पुरैनिया का महादलित बस्ती पूरी तरह से टापू बन चुकी है. बस्ती से निकले का कोई रास्ता नहीं है. जिस वजह से लगभग 200 परिवार बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं. इनके पास नाव भी नहीं हैं कि यह गांव से बाहर निकल सकें.

ये भी पढ़ें- Bettiah News : उफान पर हरबोड़ा नदी का जलस्तर, कटाव की आशंका से दहशत में ग्रामीण

दाने-दाने को मोहताज
पुरैनिया पंचायत के महेशड़ा गांव में स्थित इस महादलित बस्ती के लोग दाने-दाने के लिए मोहताज है. लोगों का घर पानी से चारों तरफ से घिर चुका है. ईटीवी भारत के संवाददाता ने किसी तरह नाव के सहारे उस महादलित बस्ती में पहुंचकर लोगों की परेशानी को समझने की कोशिश की. वहां पानी के बीचों-बीच महिलाएं, छोटे-छोटे बच्चे जैसे-तैसे गुजर-बसर कर रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

टूट रही लोगों की आस
इस महादलित बस्ती के लोग इस आस में बैठे रहते हैं कि कहीं से कुछ सहायता मिल जाए. खाने के लिए रोटी मिल जाए, लेकिन उनकी यह आस टूट चुकी है. कहीं से कुछ खाने की चीज मिल भी जाए तो वह इस सोच में पड़ जाते हैं कि क्या खुद खाएं और क्या बच्चों को खिलाएं. गांव से निकलने का कोई रास्ता नहीं है.

नाव ही सहारा, लेकिन वो भी नहीं
इस गांव से निकलने के लिए नाव ही एकमात्र सहारा है. ग्रामीण बताते हैं कि 2 दिन पहले एक बच्ची को किसी कीड़े ने काट लिया था. गांव से निकलने के लिए कोई रास्ता नहीं था. नाव नहीं मिली, जिस कारण इलाज के अभाव में बच्ची की मौत उसी गांव में हो गई. यह महादलित बस्ती के लोगों की पीड़ा है. सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि हमें इस बाढ़ से बचाइए. हर साल यह बाढ़ तबाही लेकर आती है और हमारा सब कुछ ले कर चली जाती है.

लोगों के घरों तक पहुंचा पानी

ये भी पढ़ें- बिहार : बाढ़ में जुगाड़ ही सहारा! हर तरफ सैलाब...खाट पर मरीज, देखें वीडियो

सरकारी मदद की दरकार
आपको बता दें कि लगातार रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. जिस कारण कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. गांव में जो जहां है, वह वहीं फंसा हुआ है. गांव में जाने का कोई रास्ता ही नहीं है. कई जगह पुल पुलिया टूट चुके हैं. नाव ही एकमात्र सहारा है, लेकिन सरकारी नाव इतनी नहीं है कि वह हर गांव तक पहुंच सके. महेशड़ा गांव के महादलित बस्ती के लोगों के पास खाने लिए राशन नहीं हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details