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एक दिन पहले बेतिया को मिली नगर निगम की सौगात, गिर गई नप सभापति की कुर्सी - bettiah nagar nigam

कई पार्षद पति ने कार्यपालक पदाधिकारी के कार्यालय में कपड़े निकाल खड़े हो गए. उनका कहना था कि उपसभापति को जब तक कार्यवाहक सभापति बनाने संबंधित पत्र नहीं दिए जाएंगे, वह कार्यालय से नहीं जाएंगे. इस दौरान जमकर हंगामा हुआ. पढ़ें पूरी खबर

बेतिया की खबर
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Published : Dec 28, 2020, 8:52 PM IST

पश्चिमी चंपारण : बेतिया नगर परिषद को एक दिन पहले ही नगर निगम की सौगात मिली थी. नगर निगम की सौगात मिलने के बाद बेतिया के लोग जश्न में डूबे थे. लोग अपने-अपने तरीकों से विकास का रोड मैप का खाका खींच रहे थे. इसके अगले दिन ही नप सभापति की कुर्सी गिर गई. अविश्वास प्रस्ताव में नप सभापति हार गईं.

नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी विजय कुमार उपाध्याय ने बताया कि सभापति के खिलाफ पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था. इस मुद्दे पर चर्चा के बाद वोटिंग की गई. वोटिंग में 26 पार्षदों ने भाग लिया. जिसमें अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 19 मत पड़े. तीन मत रद्द कर दिया गया, जबकि चार मत सभापति के पक्ष में पड़े.

अर्धनग्न प्रदर्शन
बेतिया नगर परिषद के 39 पार्षदों में से 2 पार्षदों का निधन हो गया है. सभापति के गुट वाले कई पार्षदों ने मतदान में भाग नहीं लिया. वोटों की गिनती के बाद सभापति के पक्ष की ओर से रिकाउंटिंग का आवेदन कार्यपालक पदाधिकारी को दिया गया है. इस मुद्दे पर जमकर बवाल हुआ. सभापति के विरोधी पार्षद उपसभापति को कार्यवाहक सभापति बनाने संबंधी पत्र निकालने की मांग पर अड़ गए.

मौके पर मौजूद पुलिस प्रशासन

कई पार्षद पति ने कार्यपालक पदाधिकारी के कार्यालय में कपड़े निकाल खड़े हो गए. उनका कहना था कि उपसभापति को जब तक कार्यवाहक सभापति बनाने संबंधित पत्र नहीं दिए जाएंगे, वह कार्यालय से नहीं जाएंगे. इसके बाद सूचना मिलने पर एसडीएम और एएसडीएम नगर परिषद पहुंचे और हंगामा कर रहे पार्षदों को समझा कर मामले को शांत कराया.

बेतिया से जितेंद्र कुमार गुप्ता की रिपोर्ट

गिर गई सभापति की कुर्सी
वहीं अविश्वास प्रस्ताव पर बहस और वोटिंग के दौरान नप सभापति गरिमा देवी सिकारिया सदन में मौजूद नहीं थी. सभापति के समर्थक कई पार्षद भी वोटिंग में शामिल नहीं हुए. जबकि कुछ पार्षदों ने मतपत्र को सादा ही छोड़ दिया. सभापति के विरोधी खेमे में पार्षदों ने पूरी लामबंदी की थी. अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के लिए उन्हें 19 मतों की जरूरत थी. हालांकि वोटिंग के पहले दोनों खेमा अपनी अपनी जीत के प्रति आश्वस्त नजर आ रहा था. एकमत पर सबकी निगाहें टिकी थी. लेकिन आखिरकार सभापति की कुर्सी गिर गई.

मतदान पेटी ले जाते कर्मचारी

अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के लिए नगर परिषद में सुरक्षा के चाक-चौबंद व्यवस्था किया गया था. एसडीएम विद्यानाथ पासवान, एएसडीएम, एसडीपीओ मुकुल परिमल पांडे, नगर थानाध्यक्ष, महिला थानाध्यक्ष दल बल के साथ नगर परिषद में मौजूद थे. बड़ी संख्या में पुलिस जवानों की तैनाती की गई थी.

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