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मोतिहारी: मधुबन विधानसभा क्षेत्र के बूथ संख्या 158 पर हुआ वोट बहिष्कार, नहीं हुआ एक भी मतदान

मधुबन विधान सभा क्षेत्र के भेलवा पंचायत स्थित सबली गांव के बूथ संख्या 158 पर एक भी वोट नहीं पड़ा. यहां ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया. ग्रामीणों के वोट बहिष्कार की जानकारी मिलने पर पकड़ीदयाल एसडीओ समेत कई अधिकारी मतदाताओं को मनाने में जुटे रहे. लेकिन ग्रामीण नहीं माने.

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Published : Nov 4, 2020, 4:13 AM IST

मधुबन विधानसभा क्षेत्र
मधुबन विधानसभा क्षेत्र

पूर्वी चंपारण:जिले के छह विधानसभा क्षेत्रों में दूसरे चरण का मतदान संपन्न हो गया. सभी सीटों पर शांतिपूर्ण तरीके से मतदान हुआ. जबकि, मधुबन विधान सभा क्षेत्र के भेलवा पंचायत स्थित सबली गांव गांव के बूथ संख्या 158 पर एक भी वोट नहीं पड़ा. यहां, ग्रामीणों ने सड़क के लिए वोट का बहिष्कार कर दिया. ग्रामीणों के वोट बहिष्कार की जानकारी मिलने पर पकड़ीदयाल एसडीओ समेत कई अधिकारी मतदाताओं को मनाने में जुटे रहे. लेकिन ग्रामीण नहीं माने और निर्धारित समय तक इस बूथ पर एक भी ग्रामीण ने वोट नहीं डाला था.

'बूथ संख्या 158 पर महज 642 मतदाता'
सबली गांव के बूथ संख्या 158 के पीठासीन अधिकारी प्रशांत कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि इस बूथ पर कुल 642 मतदाता हैं. लेकिन एक भी वोटर मतदान करने नहीं आया है. उन्होंने बताया कि अधिकारी बूथ पर पहुंचे थे और अधिकारियों ने ग्रामीणों को मनाने की कोशिश भी की।लेकिन ग्रामीण वोट बहिष्कार पर अड़े रहे.

चुनाव आयोग को लिखेंगे- डीएम
सबली गांव में वोट बहिष्कार के संबंध में पूछे जाने पर जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने बताया कि बूथ संख्या 158 पर पूल निर्माण को लेकर वोट बहिष्कार की जानकारी मिली थी और संबंधित आरओ ग्रामीणों को समझाने भी गए थे. बूथ कैंसिल किए जाने के सवाल पर डीएम ने बताया कि अधिकृत रिपोर्ट आने के बाद वह चुनाव आयोग को इसकी लिखित जानकारी देंगे.

देखें रिपोर्ट

'बूढ़ी गंडक की गोद में बसा है सबली गांव'
बता दें कि मधुबन विधानसभा क्षेत्र का सबली गांव बूढ़ी गंडक नदी के गोद में बसा हुआ है. जो पिपरा और मधुबन विधानसभा क्षेत्र के बॉर्डर पर स्थित है. सबली गांव में पहुंचने के लिए सड़क नहीं है. बल्कि लोग खेतों से होकर गांव तक पहुंचते हैं. ग्रामीण सालों से सड़क की मांग कर रहे हैं. लेकिन गांव को प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने वाली सड़क नहीं बन सकी है. जिससे नाराज ग्रामीणों ने वोट का बहिष्कार कर दिया और निर्धारित समय छह बजे शाम तक एक भी वोट नहीं पड़ सका था.

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