बेतिया:वाल्मीकिनगर गंडक बैराजसे शुक्रवार की सुबह लगभग 4 लाख 40 हजार 750 हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किया गया. जिसके बाद कई इलाके जलमग्न (Flood Water Entered In West Champaran) हो गए हैं. नौतन प्रखंड के भगवानपुर पंचायत का विशंभरपुर गांव पूरी तरह टापू में तब्दील (Vishambharpur village turned into an island) हो गया है. गांव चारों तरफ से पानी से घिरा हुआ है. लगभग चार सौ घर टापू में तब्दील हो गये हैं. लोगों को सरकारी मदद का इंतजार है.
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बाढ़ पीड़ितों को मदद का इंतजार: लगभग दो हजार की आबादी वाला नौतन प्रखंड का भगवानपुर पंचायत के विशंभरपुर गांव की स्थिति बतदर हो गई है. बाढ़ ने ऐसी तबाही मचाई है कि घर में रखा सारा अनाज खराब हो गया है. लोग गांव छोड़कर ऊंचे स्थान पर शरण लेने को मजबूर हैं. लेकिन सरकारी नाव की व्यवस्था नहीं है कि लोग गांव से बाहर निकल सके. ऐसे में लोग प्राइवेट नाव का सहारा ले रहे हैं. फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं.
टापू में तब्दील हुआ विशंभरपुर गांव: नेपाल में भारी बारिश की वजह से गंड़क बराज से चार लाख चालीस हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हुआ. जिसके बाद गंड़क का पानी नौतन प्रखंड में तबाही मचा रहा है. गांव में आने जाने के लिए नाव ही एक मात्र सहारा है. अभी तक प्रशासन की तरफ से गांव में किसी भी प्रकार की राहत सामग्री नहीं पहुंचाई गई है. शुक्रवार को सीएम नीतीश कुमार ने गंडक बराज पर जायजा लिया था. अधिकारियों को दिशा निर्देश भी दिए थे, लेकिन अभी तक अधिकारी इस गांव में नहीं पहुंचे हैं.
"गांव में सभी फंसे हैं. सरकारी नाव नहीं मिलने से हम सभी परेशान हैं. 400 घर और 2000 की आबादी है. चार दिन से ऐसे ही हम रह रहे हैं. हर साल की यही कहानी है."- ग्रामीण