बेतिया: बिहार के बेतिया जिले से घूसखोरीका मामला सामने आया है. जहां एक स्कूल के प्रभारी हेडमास्टर (Higher Secondary School Head Master) का रिश्वत (Bribery For SLC In Bettiah) लेते हुए वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसे लेकर लोग एचएम के खिलाफ तरह-तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं. लोगों का कहना है कि जब एक शिक्षक ही घूस मांग रहा है तो उस स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों का भविष्य कैसा होगा.
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मामला नरकटियागंज अनुमंडल के +2 राज्य संपोषित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (Higher Secondary School in Bettiah) का है. जहां वीडियो में बेलसंडी में प्रभारी हेडमास्टर छात्रों से घूस लेते हुए देखे जा रहे हैं. वीडियो में आप देख सकते हैं कि प्रभारी एचएम छात्रों से एसएलसी देने के एवज में पैसे ले रहे हैं. जब छात्रों ने एसएलसी के लिए 100 रुपये लेने की बात पूछी तो उन्होंने धमकाने के अंदाज में जवाब भी दिया है.
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एचएम ये कहते हुए दिख रहे है कि मिडिल व प्राइमरी स्कूल में भी 50 रुपये लगता है. तुम लोगों का हम सारा काम करके 50 रुपया क्यों लें. एक छात्र 100 रुपये दे रहा है. इसके साथ ही बोल रहा है कि सर ये पैसा दो आदमी का है. इसपर एचएम कहते हैं कि मार्कशीट ले लो और एसएलसी बाद में ले लेना. तभी एक छात्र कहता है कि सर इसमें पैसा तो नहीं लगता है. इस बात पर एचएम अपनी कुर्सी से उठकर मारने के लिए दौड़ते दिख रहे हैं.
इस पूरे घटनाक्रम को वहां उपस्थित किसी शख्स ने कैमरे में कैद कर लिया. इधर प्रभारी एचएम मनीष कुमार चौरसिया ने बताया कि ऐसी कोई बात नहीं है. वीडियो के बारे में पूछने पर वे कुछ नहीं बोल रहे हैं. वहीं, डीपीओ माध्यमिक शिक्षा राजन कुमार ने बताया कि वीडियो की जानकारी अभी मिली है. इसकी जांच कर दोषी प्रभारी एचएम पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
नोट- ईटीवी भारत इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.
बता दें कि निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल कोरोना काल की तुलना में इस वर्ष घूस लेने के मामले में बढ़ोतरी हुई है. अब तक काम करने या करवाने के बदले रिश्वत लेने में लिपिक, राजस्व कर्मचारी, अभियंता और थानेदार सबसे आगे हैं. अगर इन सरकारी कर्मचारियों में तुलना की जाए तो विभिन्न विभागों में पदस्थापित विभिन्न वर्गों के लिपिक रिश्वत लेने के मामले में टॉप पर हैं. वहीं सरकारी कर्मचारियों के अलावा जनप्रतिनिधि भी पीछे नहीं हैं. खासकर मुखिया भी घूस लेने में आगे हैं.
बिहार में भ्रष्ट अफसर और कर्मचारी इन दिनों नकदी पर अधिक जोर दे रहे हैं. इस बात की जानकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्य सरकार के चल रहे अभियान के दौरान पकड़े गए अफसरों की संपत्ति का ब्योरा को देखकर पता चला है. निगरानी ने इस वर्ष जिन 6 लोगों के पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में छापेमारी की है, इनमें मात्र सीतामढ़ी के मोहनी मध्य विद्यालय के शिक्षक मोहम्मद युसूफ सिडकी के यहां 44,83,000 कैश मिला था. जबकि अन्य सभी अफसरों के पास से एक करोड़ से अधिक कैश की बरामदगी हुई थी.
बिहार में लगातार कुछ सरकारी कर्मियों के माध्यम से काम करने के एवज में घूस मांगे जाने के मामले में लगातार वृद्धि हो रही है. भ्रष्टाचार को रोकने के लिए मिल रही शिकायतों पर निगरानी विभाग द्वारा कार्रवाई की जा रही है.