बेतिया: जिले में मोटर व्हीकल अधिनियम की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. जिला परिवहन अधिकारी और जिले के प्रशासनिक महकमे के लोग ही खुलेआम इसका उल्लंघन कर रहे हैं. मोटर व्हीकल अधिनियम कानून का पाठ पढ़ाने वाले अधिकारियों के वाहनों पर बंपर लगे हुए हैं. इसके बावजूद भी इन अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
बेतिया: सरकारी अधिकारी ही मोटर व्हीकल एक्ट की सरेआम उड़ा रहे हैं धज्जियां
जिला परिवहन पदाधिकारी, एसपी, डीडीसी, जिला अपर समाहर्ता सहित जिला प्रशासन के कई अधिकारी हैं. जिनके वाहनों पर बंपर लगे हुए हैं. इसके बावजूद भी इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
मोटर व्हीकल अधिनियम की उड़ रही धज्जियां
बता दें कि जिलाधिकारी के अलावा अधिकांश अधिकारी मोटर व्हीकल अधिनियम की सरेआम धज्जियां उड़ा रहे हैं. जिला परिवहन पदाधिकारी, एसपी, डीडीसी, जिला अपर समाहर्ता सहित जिला प्रशासन के कई अधिकारी हैं. जिनके वाहनों पर बंपर लगे हुए हैं. इसके बावजूद भी इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, न ही परिवहन अधिकारियों की तरफ से बंपर हटवाने की कोशिश की जा रही है. वहीं, जब इस मामले में जिला परिवहन अधिकारी से बात की गई, तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया.
'खतरनाक साबित होते हैं बंपर गार्ड'
जानकारी के मुताबिक एक सर्वे में सामने आया है कि जिन वाहनों पर बंपर गार्ड लगा होता है. उन वाहनों से हादसे अधिक होते हैं. इतना ही नहीं चार पहिया वाहन पर सुरक्षा के नाम पर जो बंपर गार्ड लगे होते हैं. वो हादसे के वक्त ज्यादा खतरनाक साबित होते हैं. यही वजह है कि केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्रालय ने वाहनों में बंपर गार्ड का इस्तेमाल गैर कानूनी करार दिया है. जिसमें बंपर गार्ड का उपयोग मोटर वाहन कानून 1988 की धारा 52 का उल्लंधन माना जाएगा. साथ ही इसे लगाने वालों पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. लेकिन जिले में ये नियम कानून हवा हवाई साबित हो रहा है.