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एक ऐसी नदी जो करती है 'एक गांव' का पीछा, हर बार बाढ़ में उजड़ जाता है बसेरा

पश्चिमी चंपारण जिला के नरकटियागंज प्रखंड क्षेत्र में एक नदी गांव वालों के लिए दो दशक से अभिशाप बनी हुई है. ग्रामीण पलायन कर दूसरे स्थान पर जाकर गांव बसाते हैं, हड़बोड़ा नदी गांव का पीछा करते हुए अगले साल तक वहां पहुंच जाती है. इस तरह हर बार नदी के कटाव से गांव वाले काफी परेशान हो गए हैं.

हड़बोड़ा नदी के कटाव से ग्रामीण परेशान
हड़बोड़ा नदी के कटाव से ग्रामीण परेशान

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Published : Jun 24, 2021, 3:33 PM IST

बेतिया:नरकटियागंज प्रखंड के भंटाहवा पिपरा गांव (Pipra Village) दो दशक से नदी के कटाव की विनाशलीला झेल रहा है. आलम यह है कि हड़बोड़ानदी (Harbora River) इस गांव के लिए अभिषाप बन गई है. और अब पिपरा गांव का इलाका अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. कभी हड़बोड़ा नदी भंटाहवा पिपरा गांव से एक किलोमीटर दूर बहा करती थी लेकिन पिछले तीन साल से नदी अब यहां भीषण कटाव करते-करते गांव के बेहद करीब पहुंच गई है.

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नदी के कटाव से लोग हैं परेशान
हड़बोड़ा नदी की वजह से गांव के अस्तित्व के मिटने का खतरा मंडराने लगा है. बताया जा रहा है कि 2004 में जब हड़बोड़ा नदी गांव का कटाव करने लगी तो नदी के उस पार से लोग इस पार आकर लोग बस गए. साल 2004 के बाद पलायन कर दूसरे छोर पर आकर लोग अपना घर बनाकर रहने लगे. फिर नदी इस पार भी तीन साल पहले से लगातार कटाव कर रही है और कटाव करते-करते गांव में बने सड़क के बिल्कुल नजदीक पहुंच गई है.

डूबने के डर से रात भर जागकर लोग कर रहें हैं सुबह

बता दें कि हड़बोड़ा नदी कभी भी इस गांव को डुबा सकती है. इस वजह से गांव के लोग डरे और सहमे हुए हैं. बाढ़ आने पर रात-रात भर गांव के लोग रतजगा कर जागते रहते हैं कि कहीं घर नदी में विलीन न हो जाए.

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जान हथेली पर रखकर जीते हैं लोग
स्थानीय लोगों ने बताया कि कई बार बिनवलिया पंचायत के मुखिया ने नदी के द्वारा हो रहे कटाव का मुआयना तो किया लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है. वहीं नरकटियागंज के पूर्व विधायक विनय वर्मा और वर्तमान बीजेपी के राज्यसभा सांसद सतीश दुबे को इस समस्या से अवगत कराया गया लेकिन कटाव को रोकने के लिए अभी तक ठोकर या बांध की व्यवस्था नहीं की गई है. इसके कारण नदी कभी भी पूरे गांव का कटाव कर सकती है. इससे गांव के लोग बाढ़ के दौरान अपनी जान हथेली पर रख कर जीने को मजबूर हैं.

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