बिहार

bihar

ETV Bharat / state

बगहा के चकदहवा में गंडक की तबाही, गांववालों की SDM से गुहार- बांध बनवाकर बचा लें 'झंडू टोला'

बगहा में बाढ़ प्रभावित झंडू टोला चकदहवा के ग्रामीणों ने एसडीएम से गुहार लगाई है कि बांध बनाकर उन्हें बचा लिया जाये. बता दें कि झंडू टोला चकदहवा एक ऐसा इलाका है, जहां सबसे पहले बाढ़ आती है. पढ़ें पूरी खबर..

demand to make dam
demand to make dam

By

Published : Jun 21, 2021, 5:38 PM IST

बगहा: बाढ़ प्रभावित झंडू टोला, चकदहवा (Jhandu Tola Chakdahwa) के ग्रामीणों ने बगहा एसडीएम (Bagha SDM) को आवेदन देकर सरकार से गुहार लगाई है कि बांध बनवाकर उन्हें बर्बाद होने से बचा लिया जाए. एसडीएम ने ग्रामीणों की मांग जायज बताते हुए इस प्रस्ताव को आगे भेजने की बात कही है.

ये भी पढ़ें:भागलपुर के युवक का शव भुवनेश्वर में रेलवे ट्रैक से बरामद, निजी बैंक में करता था काम

बता दें कि प्रत्येक वर्ष गंडक के उफनाते ही नो मेंस लैंड का यह इलाका सबसे पहले जलमग्न होता है. लिहाजा यहां के लोगों को काफी बर्बादी का सामना करना पड़ता है.

देखें वीडियो

बांध निर्माण की गुहार
जिले का लक्ष्मीपुर रमपुरवा पंचायत अंतर्गत झंडू टोला चकदहवा एक ऐसा इलाका है, जहां सबसे पहले बाढ़ आती है. दरअसल वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के बीच और गंडक नदी के किनारे बसे होने की वजह से यहां स्थित झंडू टोला, बीन टोली, कान्हा टोली और चकदहवा प्रत्येक साल बाढ़ की विनाशलीला से तबाह होता है. नतीजतन बाढ़ का पानी कम होते ही ग्रामीणों ने आवेदन देकर एसडीएम से बांध निर्माण की गुहार लगाई है.

ये भी पढ़ें:Supaul News: पूर्वी कोसी तटबंध के 16.98 किलोमीटर स्पर का नोज हुआ सिंक, बचाव में जुटी अभियंताओं की टीम

गंडक नदी का जलस्तर बढ़ा
बता दें कि मानसून की पहली बारिश में ही गंडक नदी (Gandak River) में अप्रत्याशित जलस्तर बढ़ा और 4 लाख 12 हजार क्यूसेक जलस्तर आंका गया. लिहाजा इन सभी इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया और लोगों ने मचान बनाकर शरण ली. उसके बाद ईटीवी भारत ने सबसे पहले ग्राउंड जीरो से वहां की तबाही को दिखाया.

धान की फसल डूबकर बर्बाद
ग्रामीणों का कहना है कि उनके सूखे अनाज समेत खेत में लगे गन्ने और धान की फसल डूबकर बर्बाद हो गए हैं. नेपाल की तरह यहां की सरकार भी दो किमी तक बांध बनवा दे, तो बाढ़ कभी नहीं आएगी. झंडू टोला चकदहवा बाढ़ग्रस्त इलाके के अंतर्गत बाढ़ आपदा प्रबंधन समिति से जुड़े लोगों ने तकरीबन 200 ग्रामीणों द्वारा हस्ताक्षर किया हुआ आवेदन एसडीएम शेखर आनंद को सौंपा है.

ग्रामीणों ने सरकार से गुहार लगाई है कि बाढ़ आने पर कब तक उनको सिर्फ खाना और राशन दिया जाएगा. वे भी सरकार के नागरिक हैं और वोट देते हैं तो, सरकार बांध बनाकर स्थायी निदान क्यों नहीं करती?

ये भी पढ़ें:बिहार : बांध टूटने से दर्जनों गांवों में भरा पानी, ग्रामीणों में दशहत का माहौल

"इनकी मांग जायज है और बांध निर्माण के लिए विभाग को उचित चैनल के माध्यम से प्रस्ताव भेजा जाएगा. इस इलाके में सबसे पहले बाढ़ आती है. यही वजह है कि बाढ़ आने के बाद से ही लगातार प्रशासन कम्युनिटी किचन चला रही है"-शेखर आनंद, एसडीएम

ईटीवी भारत को दिया धन्यवाद
एसडीएम से मिलने पहुंचे ग्रामीणों ने ईटीवी भारत को धन्यवाद देते हुए बताया कि सबसे पहले बाढ़ आने के बाद ईटीवी भारत हमारा दुख दर्द जानने पहुंचा. खबर दिखाए जाने के बाद प्रशासन की टीम वहां पहुंचकर कम्युनिटी किचन चला रही है.

ये भी पढ़ें:Nalanda Flood: लगातार हो रही बारिश से बढ़ा पंचाने नदी का जलस्तर, निचले इलाकों में घुसा पानी

मध्यम से भारी वर्षा दर्ज
बता दें कि बिहार में मानसून (Monsoon in Bihar) का असर देखने को मिल रहा है. राज्य के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की जा रही है. वहीं, सूबे में खासकर दक्षिण और पश्चिम भागों में मध्यम से भारी वर्षा दर्ज (Heavy Rain Recorded) की गई.

मौसम विभाग (Weather Department) ने बिहार के लिए येलो और ऑरेंज अलर्ट(Yellow and Orange Alert) जारी किया है. मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार राज्य के अधिकांश जिलों में वज्रपात के साथ भारी बारिश और आकाशीय बिजली गिरने की संभावना है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details