बगहा: बाढ़ प्रभावित झंडू टोला, चकदहवा (Jhandu Tola Chakdahwa) के ग्रामीणों ने बगहा एसडीएम (Bagha SDM) को आवेदन देकर सरकार से गुहार लगाई है कि बांध बनवाकर उन्हें बर्बाद होने से बचा लिया जाए. एसडीएम ने ग्रामीणों की मांग जायज बताते हुए इस प्रस्ताव को आगे भेजने की बात कही है.
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बता दें कि प्रत्येक वर्ष गंडक के उफनाते ही नो मेंस लैंड का यह इलाका सबसे पहले जलमग्न होता है. लिहाजा यहां के लोगों को काफी बर्बादी का सामना करना पड़ता है.
बांध निर्माण की गुहार
जिले का लक्ष्मीपुर रमपुरवा पंचायत अंतर्गत झंडू टोला चकदहवा एक ऐसा इलाका है, जहां सबसे पहले बाढ़ आती है. दरअसल वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के बीच और गंडक नदी के किनारे बसे होने की वजह से यहां स्थित झंडू टोला, बीन टोली, कान्हा टोली और चकदहवा प्रत्येक साल बाढ़ की विनाशलीला से तबाह होता है. नतीजतन बाढ़ का पानी कम होते ही ग्रामीणों ने आवेदन देकर एसडीएम से बांध निर्माण की गुहार लगाई है.
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गंडक नदी का जलस्तर बढ़ा
बता दें कि मानसून की पहली बारिश में ही गंडक नदी (Gandak River) में अप्रत्याशित जलस्तर बढ़ा और 4 लाख 12 हजार क्यूसेक जलस्तर आंका गया. लिहाजा इन सभी इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया और लोगों ने मचान बनाकर शरण ली. उसके बाद ईटीवी भारत ने सबसे पहले ग्राउंड जीरो से वहां की तबाही को दिखाया.
धान की फसल डूबकर बर्बाद
ग्रामीणों का कहना है कि उनके सूखे अनाज समेत खेत में लगे गन्ने और धान की फसल डूबकर बर्बाद हो गए हैं. नेपाल की तरह यहां की सरकार भी दो किमी तक बांध बनवा दे, तो बाढ़ कभी नहीं आएगी. झंडू टोला चकदहवा बाढ़ग्रस्त इलाके के अंतर्गत बाढ़ आपदा प्रबंधन समिति से जुड़े लोगों ने तकरीबन 200 ग्रामीणों द्वारा हस्ताक्षर किया हुआ आवेदन एसडीएम शेखर आनंद को सौंपा है.