बिहार:बाढ़ के कहर से प्रदेश के कई जिलों में हाहाकार मचा हुआ है. लाखों लोग घर से बेघर हो गए हैं और अपने रहने के लिए जगह तलाश रहे हैं. भारी बारिश के कारण नदियों का जलस्तर उफान पर है. वहीं, बेतिया से 22 किलोमीटर की दूरी पर मझौलिया प्रखंड के डुमरी पंचायत का कोहड़ा बिन टोली और हरिजन टोली टापू बन गया है. लेकिन उनसे मिलने अभी तक कोई भी जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचा है. हालांकि जब ईटीवी भारत की टीम वहां पहुंची तो उनके चेहरे पर मदद की आस जगी.
ईटीवी भारत की टीम पहुंची डुमरी पंचायत
बाढ़ के कारण ग्रामीणों की हालत बेहद दयनीय है. जब ईटीवी भारत की टीम को इसकी जानकारी मिली तो हमारे संवाददाता नाव पर सवार होकर गांव वालों से मिलने उनके पास पहुंचे. टीम के पहुंचते ही पूरा गांव अपनी समस्या सुनाने के लिए उमड़ पड़ा.
अपनी समस्या सुनाने के लिए उमड़ पड़ा गांव दूर से देख गांव वाले कहने लगे- कोई तो आया
जब ईटीवी भारत की टीम इस गांव में पहुंची तो गांव वालों को थोड़ी राहत मिली कि कोई तो उनसे मिलने आया. जिसे वे अपनी व्यथा सुना सकते हैं. सरकार चाहे लाख दावा कर रही हो कि बाढ़ प्रभावित सभी क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है, लेकिन इसके विपरीत इन हजारों गांव वालों को ना ही कोई पूछने वाला है और ना ही कोई देखने वाला.
ईटीवी भारत की टीम पहुंची डुमरी पंचायत ग्रामीणों को उम्मीद जगी कि अब उनकी बात सरकार तक पहुंचेगी
ईटीवी भारत की टीम को देखकर गांव वालों को उम्मीद जगी है कि अब शायद उनकी बात बिहार सरकार तक पहुंचेगी और उन्हें राहत मिलेगी. यहां बाढ़ के कारण लोगों का जीना दुश्वार हो गया है. बाढ़ पीड़ितों को मदद के नाम पर कुछ नहीं मिला है.
आपबीती सुनाते हुए रो पड़ी महिला
ग्रामीण महिलाएं अपनी आपबीती सुनाते हुए रोने लगी. उनके आंसू ये बयां कह रहे थे कि वे कितने बेहाल हैं और उनकी हालत कितनी बदतर है. उनका कहना है कि अभी तक कोई भी अधिकारी उनकी सुध लेने नहीं पहुंचा है. यहां ना खाने को कुछ है और ना पीने को. बच्चे भूख से बिलख रहे हैं. सरकार सिर्फ घोषणा करती है. लेकिन उन्हें अब तक सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली है.
बाढ़ के कारण टापू बना गांव तीन दिनों से नहीं मिला है खाना
पिछले 12 दिनों से इस गांव के लोग पानी से घिरे हुए हैं. तीन दिनों से लोगों को खाना नसीब नहीं हुआ है. लोग एक-एक दाने के लिए तरस रहे हैं. किसी तरह लोग अपना गुजारा कर रहे हैं. डुमरी पंचायत का कोहड़ा बिन टोली और हरिजन टोली गांव की हालत बेहद खराब है. यहां आने के बाद सरकार के वो सारे दावे फेल हो चुके हैं, जिनमें यह कहा जा रहा है कि बिहार सरकार बाढ़ पीड़ितों की मदद कर रही है.
गांव वालों को नहीं मिल रही कोई मदद
वहीं, इस पंचायत के मुखिया पति सोनू राय का कहना है कि उन्होंने जिले से लेकर ब्लॉक तक के अधिकारियों को इस बात की जानकारी दी है. लेकिन कहीं से भी इन गांव वालों को कोई मदद नहीं मिल रही है. जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बहरहाल जिले के ऐसे कई गांव हैं, जहां के ग्रामीण बाढ़ के पानी से बेहाल और परेशान हैं. इसके बावजूद उन्हें बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित नहीं किया गया है.