पश्चिम चंपारण(बेतिया): जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण कई प्रखंड बाढ़ की चपेट में है. सिकटा, गौनाहा, चनपटिया, लौरिया, मैनाटांड़ प्रखंड के कई गांव टापू बने हुए हैं. बाढ़ की वजह से सबसे ज्यादा तबाही मझौलिया प्रखंड में हुई है. प्रखंड के कई पंचायतों में बाढ़ का पानी घुसने से कई गांव टापू बन चुका है.
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डुमरी पंचायत के कोहड़ा हरिजन टोली चारों तरफ से पानी से घिरा हुआ हैं. गांव में जाने का कोई रास्ता नहीं है. सड़कें पूरी तरह से डूब चूकी है. कोहड़ा हरिजन टोली का लगभग सैकड़ों परिवार चारों तरफ से पानी में घिरा हुआ है लेकिन ना ही उनके पास कोई राहत पहुंचा हैं और ना ही कोई सरकारी नाव. जिस वजह से यहां के बाढ़ पीड़ित दाने दाने के लिए मोहताज हो रहे हैं.
गौरतलब है कि मझौलिया प्रखंड के डुमरी पंचायत के कई गांव हर साल बाढ़ की तबाही झेलता है लेकिन आजतक इसका कोई स्थाई निदान नहीं हो पाया है. हर साल पूरा गांव टापू बन जाता हैं. स्थानीय लोगों में नाराजगी है की बाढ़ के वक्त कोई उनकी सुध तक लेने नहीं आता. नाव तक की व्यवस्था नहीं हैं कि गांव से बाहर कोई सामान खरीदने निकल सके.
ग्रामीण मुखिया, वार्ड सदस्य, विधायक और सांसद को कोस रहें हैं. उनका कहना है कि हमारी याद सिर्फ चुनाव के वक्त ही आती है. हर साल हम बाढ़ में तबाह होते हैं. उसके बावजूद गांव से निकलने वाली सड़कों को ऊंचा नहीं किया जा रहा है और न ही कोई दूसरा उपाय निकाला जा रहा है. जिस कारण गांव हर साल टापू बन जाता है और लोग गांव में ही फंसे रहते हैं.