पश्चिमी चंपारण (बेतिया): बिहार के पश्चिमी चंपारणजिले के बेतिया में पहाड़ों की तलहटियों की रहने वाली लड़कियों के सपने भी पहाड़ों की तरह मजबूत हैं. नरकटियागंज के गौनाहा क्षेत्र के थारू आदिवासी बहुल (Bettiah Tribal Girls) क्षेत्र की लड़कियां पुलिस और आर्मी में चयन के लिए कड़ी मेहनत कर रहीं हैं. लेकिन घंटों मैदान में पसीना बहाने के बावजूद कम वजन और हाइट की वजह से इनका फिजिकल नहीं हो पा रहा है. ऐसे में देश की सेवा करने की चाहत रखने वाली इन बेटियों ने सरकार से मदद की अपील की.
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कम वजन और हाइट की वजह से नहीं हो रहा चयन:बता दें कि थारू बहुल इलाके की लड़कियां हाइट में थोड़े सी छोटी होती हैं और इनका वजन भी कम होता है. लेकिन इनके सपने बहुत बड़ें हैं, ये देश की सेवा करना चाहती हैं. इसी को लेकर नरकटियागंज के मैदान में दर्जनों लड़किया प्रतिदिन पसीना बहाती हैं. पुलिस और आर्मी में चयन के लिए कड़ी मेहनत करती हैं. दौड़, जम्प, गोला फेंकना नियमित रूप से करती हैं. ये लड़कियां दौड़ हर बार निकाल लेती हैं, लेकिन वजन में मात्र सौ या दो सौ ग्राम कम अधिक होने पर इन्हें बाहर कर दिया जा रहा हैं. जिससे इनके सपने टूट जा रहे हैं.
'कई साल से तैयारी कर रही हूं. लेकिन वजन कम या ज्यादा होने पर हमारा चयन नहीं हो पा रहा है. सरकार से अपील करना चाहूंगी कि इस विषय पर कोई कदम उठाया जाए जिससे हमारी मेहनत कामयाब हो सके. सरकार प्रोत्साहित करती है बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ लेकिन यहां हमारा अधिकार पूरा नहीं हो पा रहा'. - संजना कुमारी, अभ्यर्थी