बगहाः बिहार के बगहा में सोमवार को बाघ के हमले में एक महिला की जान चली गई. यह घटना बगहा के वाल्मिकी टाईगर रिजर्व से सटे हरनाटाड़ वनक्षेत्र अंतर्गत लौकरिया थाना क्षेत्र के बैरिया काला गांव की है. इस घटन के बाद से उस इलाके के स्थानीय आदिवासी समुदाय में आक्रोश व्याप्त है. आक्रोशित आदिवासियों ने महिला के शव के साथ मंगलवार को प्रदर्शन किया.
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आदिवासियों ने शव के साथ किया प्रदर्शनः हरनाटाड़ वनक्षेत्र में थारू आदिवासियों की बहुलता है. बाघ के हमले में मारी गई महिला के शव के साथ थारू समुदाय के आदिवासियों ने प्रदर्शन किया. शव के साथ लोगा सड़क पर उतर गए. थारू आदिवासी समुदाय के लोगों ने वन विभाग के खिलाफ हल्ला बोल दिया. आदिवासियों का कहना है कि आखिरकार कब तक हमलोग बाघों का निवाला बनते रहेंगे. यहां कई बार बाघ लोगों पर हमला कर चुके हैं. अब तक आधा दर्जन लोगों की जान बाघ के हमले में जा चुकी है. इसी कड़ी में कल लौकरिया थाना क्षेत्र के बैरिय कला में खेत में काम कर रही महिला की बाघ के हमले में जान चली गई.
दो महीने में दो लोगों की बाघ के हमले में गई जानःग्रामीणों ने बताया कि बाघ के हमले में बैरिया कला गांव में दो माह के भीतर यह दूसरी मौत हुई है. यही वजह है कि लोगों वन विभाग का विरोध कर रहे हैं. लोगों ने कहा कि दो लोगों की मौत हो गई है. इसके बावजूद भी वन विभाग की ओर से वनकर्मियों की कोई पेट्रोलिंग नहीं कराई जाती है. बैरिया गांव आये दिन बाघों की चहलकदमी होती रहती है. इससे लोगों में डर का माहौल बना रहता है. ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग घटना के बाद एक दो दिनों तक पेट्रोलिंग कराकर खानापूर्ति कर देता है. इधर, लौकरिया थानाध्यक्ष अभय कुमार ने बताया की घटनास्थल पर पुलिस टीम पहुंच गई और वन विभाग की टीम के आने के बाद घटनास्थल से महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा.