पश्चिमी चंपारण: भारत और नेपाल के थारु जनजाति के लोगों ने एक होकर लोकतंत्र में राजनीतिक हिस्सेदारी की मांग को लेकर एक कार्यक्रम किया. यह पहली बार है कि देशभर के थारू समुदाय के लोग एकजुट होकर राष्ट्रीय स्तर पर कोर कमिटी बनाने का फैसला लिया है. इस कमिटी का मुख्य उद्देश्य थारू जनजाति का प्रत्येक क्षेत्र में सर्वांगीण विकास करना है.
थारू समुदाय ने की बैठक
थारू जनजाति कल्याण संघ भवन में राजनीतिक हिस्सेदारी की मांग को लेकर कार्यक्रम किया गया. इस कार्यक्रम में थारू समुदाय के उत्तरप्रदेश, झारखंड, उत्तराखंड और बिहार सहित नेपाल के भी तमाम थारू नेताओं ने हिस्सा लिया. जिसमें सभी ने सरकार से राजनैतिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक और विभिन्न क्षेत्रों में भागीदारी सुनिश्चित करने की मांग करने का निर्णय लिया. इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक कोर कमिटी बनाने का फैसला लिया.
राजनीतिक बराबरी की मांग
इस मौके पर मौजूद मूल आदिवासी जनजाति कल्याण संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय बहादुर चौधरी ने कहा कि थारू जनजाति का सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और राजनीतिक रूप से समग्र विकास और भागीदारी सुनिश्चित करने के लिहाज से सभी राज्यों के थारू बहुल नेताओं को एकजुट किया गया है. वहीं इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर थारुओं की एक समिति बनाने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने कहा कि भविष्य में होने वाले चुनावों में यदि किसी पार्टी का टिकट नहीं मिला तो अपने बलबूते निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे.
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पार्टी के टिकट नहीं मिलने पर लड़ेंगे स्वयं चुनाव
आयोजन समिति के अध्यक्ष सह भारतीय थारू कल्याण महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीप नारायण महतो का कहना है कि हर सरकार ने अब तक थारू समुदाय की उपेक्षा की है. हमारे समाज का जितना विकास होना चाहिए उतना नहीं हो सका है. बता दें कि पश्चिम चम्पारण में थारू वोटर्स को निर्णायक मतदाता माना जाता है.