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बगहा: सीएम नीतीश की सभा में आदिवासी नेताओं ने की आरक्षण की मांग - बिहार महासमर 2020

थारू कल्याण संघ के अध्यक्ष का कहना है कि आदिवासियों में से एक एमएलसी, आयोग में दो सदस्य (थारू और उरांव में से एक-एक) और 5 फीसदी अतिरिक्त आरक्षण मिले. इनका कहना है कि यदि इनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो वे अगले चुनाव में हमलोग इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे.

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Published : Oct 30, 2020, 2:10 PM IST

Updated : Nov 13, 2020, 10:09 AM IST

बगहा:चुनावी मौसम में जनसभाओं का सिलसिला लगातार जारी है. ऐसे में प्रदेश के मुखिया नीतीश कुमार चुनावी जनसभा को सम्बोधित करने आदिवासी बहुल इलाका हरनाटांड पहुंचे. जहां उन्होंने जेडीयू के प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान करने की अपील की. इस दौरान मंच से आदिवासी क्षेत्र के नेता ने सीएम के समक्ष इस वर्ग की उपेक्षा को लेकर सवाल उठाया और अपनी मांगों को रखा.

सीएम की सभा में थारू नेता ने रखी चार मांग
आदिवासी बहुल इलाका हरनाटांड में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनसभा को सम्बोधित किया. इस दौरान मंच से थारू कल्याण महासंघ के अध्यक्ष जगदीश सोखईत ने अपनी चार सूत्री मांगों से नीतीश कुमार को अवगत कराया और थारुओं की हो रही उपेक्षा के बाबत सवाल खड़े किए. दरअसल, थारुओं की लंबे समय से मांग है कि उनकी राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित की जाए.

देखें पूरी रिपोर्ट

राजनीतिक भागीदारी और आरक्षण सम्बंधित मांग
बता दें कि आदिवासियों की जनसंख्या जिले में तकरीबन 3 लाख है. जिसके अंतर्गत थारू और उरांव जनजाति आते हैं. ऐसे में इनलोगों ने राजनीतिक भागीदारी की मांग की है. वहीं थारू कल्याण संघ के अध्यक्ष का कहना है कि आदिवासियों में से एक एमएलसी, आयोग में दो सदस्य (थारू और उरांव में से एक-एक) और 5 फीसदी अतिरिक्त आरक्षण मिले. इनका कहना है कि यदि इनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो वे अगले चुनाव में हमलोग इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे.

सीएम ने कहा सभी बातों पर रहेगा ध्यान
हालांकि, आदिवासियों के इस मांग पर नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार बनेगी, तो सभी बातों का ख्याल रखा जाएगा. इसी दौरान उन्होंने आरक्षण के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि वो तो चाहते हैं जनगणना के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए और इस दिशा में भी प्रयास किया जाएगा.

Last Updated : Nov 13, 2020, 10:09 AM IST

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