बेतिया :चंद्र ग्रहण को लेकर सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए हैं. कपाट बंद करने के साथ ही सूतक काल आरंभ हो जाता है. वहीं शरद पूर्णिमा को लेकर भी श्रद्धालु परेशान हैं कि चंद्र ग्रहण में कैसे शरद पूर्णिमा की पूजा की जाएगी. चंद्र ग्रहण का सूतक काल का प्रभाव 9 घंटे तक रहेगा. इसे लेकर मंदिरों का कपाट बंद कर दिया गया है. चंद्र ग्रहण 1 घंटे तक रहेगा. चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर की रात 1:00 बजे से शुरू होगा और रात्रि 2:00 बजे तक इसका प्रभाव रहेगा.
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छह घंटे पहले बंद हुआ मंदिर का कपाट : बेतिया दुर्गा बाग मंदिर के मुख्य पुजारी राकेश कुमार झा उर्फ बबलू झा ने बताया कि चंद्र ग्रहण के कारण 6 घंटे पहले मंदिर के सभी कपाट बंद कर दिए गए हैं. वहीं शरद पूर्णिमा भी है. इसको लेकर भक्तजन परेशान है. सूतक काल के दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जाता हैं. मंदिरों के सभी कपाट बंद किए जाते हैं और पूजा पाठ भी नहीं किया जाता है.
"देर रात्रि चंद्र ग्रहण शुरू होगा और यह सुबह 2:00 बजे तक रहेगा. सुबह 3:00 बजे भक्तजन उठकर नहा धोकर पूजा कर सकते हैं और सूर्योदय के बाद अपना प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं. तब तक चंद्र ग्रहण खत्म हो चुका होगा."- राकेश कुमार झा उर्फ बबलू झा, पुजारी, दुर्गाबाग मंदिर
9 घंटे पहले लग जाता है सूतक काल : बता दें कि चंद्र ग्रहण उस समय लगता है जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है और चंद्रमा को अपनी छाया से ढक लेती है. तब चंद्रमा का कुछ भाग छुप जाता है. विद्वान पंडितों की माने तो चंद्र ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं. पूर्ण, आंशिक और उपच्छाया चंद्रग्रहण. आज लगने वाला ग्रहण आंशिक चंद्रग्रहण है. चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले लग जाता है और चंद्र ग्रहण खत्म होने के बाद ही समाप्त होता है.