बेतिया: शहर के बैरिया प्रखंड अंतर्गत सिसवा सरेया पंचायत के मझरिया गांव में नल-जल योजना का काम तो हुआ. लेकिन ग्रामीण पिछले एक साल से नल से जल टपकने की आस में बैठे हैं. गांव के लोगों ने संवेदक पर आरोप लगाते हुए कहा कि योजना का कार्य एक साल पहले शुरू हुआ था. लेकिन संवेदक ने काम को बीच में ही अधूरा छोड़ दिया. जिस वजह से लोगों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
बेतिया: नल-जल योजना साबित हो रहा सफेद हाथी, लोगों को नहीं मिल रहा योजना का लाभ - योजना का लाभ
ग्रामीणों का कहना है कि घरों में नल लगाए हुए एक साल बीत गए. लेकिन टंकी का निर्माण नहीं होने के कारण लोगों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
'जिला प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान'
मामले को लेकर ग्रामीणों का कहना है कि यह योजना सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है. बावजूद जिला प्रशासन की लापरवाही के कारण यह योजना लोगों के लिए उपयोगी साबित नहीं हो पा रही है. हालांकि जिला प्रशासन पंचायत के प्रत्येक गांव में योजना की समीक्षा बैठक करती है. लेकिन मझरिया गांव में योजना के बारे में प्रशासन ध्यान नहीं दे रही है. जिस वजह से गांव के लोगों को पानी का एक बूंद भी नसीब नहीं हो पाया है.
19 सौ की आबादी प्रभावित
ग्रामीणों का कहना है कि गांव के तीन वार्ड में 19 सौ की आबादी रहती है. लोगों का कहना है कि गांव में जब योजना का शुभारंभ हो रहा था. उस समय लोगों को शुद्ध पेयजल की आस थी. लेकिन यह आस जल्द ही आक्रोश में बदल गई. लोगों का कहना है कि गांव में योजना की शुरुआत एक साल पूर्व हुई थी. लेकिन आज तक टंकी का निर्माण नहीं हो सका है.