बगहा: जिले के इंडो-नेपाल सीमा पर देश की सुरक्षा में तैनात एसएसबी के जवान बाढ़ पीड़ितों का रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचा रहे हैं. साथ ही जवान उनके लिए सामुदायिक किचन की व्यवस्था कर बाढ़ पीड़ितों के दुख दर्द को भी साझा कर रहे हैं.
बगहा: बाढ़ पीड़ितों के लिए SSB जवान बने मसीहा, लोगों का रेस्क्यू कर चला रहे सामुदायिक किचन - पहले भी एसएसबी ने पहुंचाई है राशन की मदद
बगहा जिले के इंडो-नेपाल सीमा पर कई गांव बाढ़ की चपेट में है. बाढ़ से पीड़ित परिवारों के लिए एसएसबी के जवानों ने सामुदायिक किचन की शुरूआत की है. इस पहल की गांव वाले जमकर तारीफ कर रहे हैं.
बाढ़ पीड़ितों के लिए जवान बने मसीहा
तीन दिन के भारी बारिश के बाद एसएसबी कैम्प सहित आधा दर्जन गांव बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं. दरअसल बाढ़ प्रभावित चकदहवा, झंडू टोला, कान्हा टोली सहित बिन टोली में गंडक का जलस्तर बढ़ने के कारण आईं बाढ़ से आवाजाही बंद हैं. इन गांवों का मुख्यालय तक आ पाना सम्भव नहीं, जिससे लोगों को प्रशासनिक मदद नहीं मिल पा रही है. नतीजतन एसएसबी के जवान अपने निवाले से भोजन की कटौती कर इन बाढ़ पीड़ितों को दो जून की रोटी मुहैया करा बाढ़ पीड़ितों का दुख दर्द साझा कर रहे हैं. जिसकी ग्रामीण सराहना करते नहीं थक रहे हैं.
पहले भी एसएसबी ने पहुंचाई है राशन की मदद
बता दें कि इस सीमाई इलाके में दो माह के भीतर चौथी बार बाढ़ आई है. इसके पूर्व भी एसएसबी ने सभी बाढ़ पीड़ित परिवारों के बीच सूखा राशन बांटा था और यह सब कुछ सीमा पर तैनात एसएसबी 21वीं बटालियन के कमांडेंट राजेन्द्र भारद्वाज की सकारात्मक सोंच और पहल का नतीजा है. यह जवान बाढ़ की विभीषिका के बीच जरूरतमंद लोगों के लिए मसीहा बनकर आगे आए हैं.