पश्चिमी चंपारण: वाल्मीकि टाइगर रिजर्वमें घुसे तीन वन तस्करों को वन विभाग टीम ने देर रात छापेमारी कर गिरफ्तार कर लिया. जिसमें दो नेपाली और एक भारतीय युवक शामिल है. वन तस्कर लकड़ियों को नाव से नेपाल ले जाने के फिराक में थे. गुप्त सूचना के आधार पर वन विभाग ने वन प्रमंडल 2 के अंतर्गत चुलभट्टा जंगल के कक्ष संख्या एम-29 के पास से इन्हें पकड़ा.
कीमती लकड़ियों की तस्करी कर रहे 3 गिरफ्तार वन विभाग ने की कार्रवाई
वन विभाग को एक रात पहले ही सूचना मिली थी कि बड़े पैमाने पर लकड़ी तस्कर चुलभट्टा जंगल मे सक्रिय हैं. तभी से वन विभाग की टीम तस्करों की तलाश में जुटी हुई है. तभी देर रात 28 तस्कर कक्ष संख्या एम 29 के पास पहुंचे और कीमती लकड़ियों की कटाई करने लगे. उसी वक्त वन विभाग की टीम वहां पहुंच गई और वन तस्करियों को रंगे हाथ पकड़ लिया और उन पर कार्रवाई शुरू कर दी
. नेपाल ले जा रहे थे लकड़ियां
वन विभाग की टीम जब वाल्मीकि टाइगर रिजर्व पहुंची तो दर्जनों की संख्या में वन तस्करी वहां मौजूद थे. जिसमें से तकरीबन दो दर्जन तस्कर टीम को देखते ही वहां से भागने में सफल हो गएपर उनमें से तीन तस्कर पुलिस के हत्थे चढ़ गए. जिसमें दो नेपाली युवक मुरारी केवट और नोनिया टिकोरी और एक बगहा के रामलखन बिन शामिल है. इनके पास से लकड़ी ढोने और काटने के उपकरण भी जब्त हुए हैं. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगल से तस्करी कर लकड़ियों को नाव से नेपाल ले जा रहे थे.
कीमती लकड़ियों की करते हैं तस्करी
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में सागवान, सखुआ, सतशाल और धूप जैसी कीमती लकड़ियां मौजूद हैं. जिस पर वन तस्करों की बुरी नजर रहती है.वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के अंतर्गत चुलभट्टा के जंगल को किसी भी प्रकार के तस्करी के लिए सुरक्षित क्षेत्र माना जाता है. जिससे वो आसानी से नाव के माध्यम से नेपाल निकल जाते हैं.
सागवान की लकड़ियों की तस्करी