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ग्राउंड रिपोर्ट: सैकड़ों घरों में जमा है बाढ़ का पानी, भूखे सोने को मजबूर हैं लोग - गंभीर बीमारियों की खतरा

राज्य के 14 जिले बाढ़ की चपेट में हैं, ऐसे में अधिकारियों की लापरवाही की वजह से लोगों तक सरकारी मदद नहीं पहुंच पा रही है. कदमवा गांव में बाढ़ की स्थिति पर देखें ये रिपोर्ट...

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Published : Aug 19, 2020, 6:50 PM IST

पश्चिम चंपारण(बेतिया): बिहार में लोग बाढ़ की विभीषिका झेल रहे हैं. ईटीवी भारत लगातार बाढ़ की स्थिति पर ग्राउंड रिपोर्ट दे रहा है. जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूरी पर स्थित सिकटा प्रखंड के पुरैना पंचायत का यह कदमवा गांव है. हमारे संवाददाता जब यहां पहुंचे तो बाढ़ पीड़ितों की बदहाल तस्वीर सामने आई.

बाढ़ की चपेट में गांव
पुरैना पंचायत स्थित कदमवा गांव के दर्जन घरों में अभी भी बाढ़ का पानी घुसा हुआ है. जिससे लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. घरों में पानी होने की वजह से लोग स्कूल और सड़क पर शरण लिए हुए हैं और वहीं किसी तरह अपना गुजर-बसर कर रहे हैं. लोगों ने बताया कि एक महीने से उनका गांव बाढ़ की चपेट में है, लेकिन कोई अधिकारी या जनप्रतिनिधि अब तक उनकी खोज खबर तक लेने नहीं आया है.

देखें रिपोर्ट

भूखे सोने को मजबूर हैं लोग
लोगों ने बताया कि कदमवा गांव पुरैना पंचायत का आखिरी गांव है. बगल के गांवों में अधिकारी निरीक्षण करने आते हैं, लेकिन यहां कोई विधायक या जनप्रतिनिधि देखने तक नहीं आया. उन्होंने बताया कि गांव में बच्चे से लेकर बूढ़े तक भूखे सोने को मजबूर हैं.

बाढ़ का पानी

टूटने की कगार पर घर
ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ के पानी में उनके सारे सामान बर्बाद हो गए. साथ ही राशन भी डूब गया, जिससे उनके पास खाने तक को कुछ नहीं बचा है. उन्होंने बताया कि पहले पूरा गांव बाढ़ की चपेट में था. अब कुछ जगहों से पानी निकल गया है. गांव के लोगों ने बताया कि यहां जो मिट्टी के घर हैं उनमें से कुछ बाढ़ के पानी में टूट गए और कुछ टूटने की कगार पर पहुंच गए हैं.

टूट रहे घर

अधिकारियों की लापरवाही
जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी से स्थनीय लोगों में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है. लोगों का कहना है कि बाढ़ के पानी से बदबू आने लगी है. सात ही इससे कई गंभीर बीमारियों की खतरा भी बढ़ जाता है. बता दें कि बाढ़ से पहले सरकार ने दावा किया था कि इसको लेकर सभी तैयारियां पूरी है, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही की वजह से लोगों तक जरूरी मदद भी नहीं पहुंच पा रही है.

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