बिहार

bihar

ETV Bharat / state

ग्राउंड रिपोर्टः बूढ़ी गंडक ने लिया रौद्र रूप, घरों में घुसा पानी, पीड़ितों को नहीं मिल रही कोई मदद

कुछ लोग अपने घर में छोटे-छोटे बच्चों के साथ रह रहे हैं. उन्हें डर भी लग रहा है लेकिन अपने घर की देखरेख करने के लिए ये लोग जान हथेली पर रखकर पानी में रात भर रहने को मजबूर हैं.

By

Published : Jul 23, 2020, 6:16 PM IST

bettiah
bettiah

पश्चिम चंपारण(बेतिया): ईटीवी भारत बाढ़ की स्थिति को लेकर लगातार ग्राउंड रिपोर्ट दे रहा है. हमारे संवाददाता जब मझौलिया प्रखंड के सरिसवा पंचायत के भरवलिया गांव में पहुंचे तो वहां की तस्वीरें बाढ़ प्रभावित लोगों के पलायन के दर्द को बयां कर रही थी. इस गांव में लगभग 100 से ज्यादा लोगों के घर बाढ़ के पानी में डूब चुके हैं. जिससे लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.

घरों में घुसा पानी

हाल जानने नहीं आया कोई अधिकारी
जिला मुख्यालय से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मझौलिया प्रखंड का यह सरिसवा पंचायत का भरवलिया गांव है. इस गांव में बूढ़ी गंडक नदी का पानी फैल चुका है. पूरा गांव अस्त-व्यस्त हो चुका है. लोगों का घर डूब चुका है. साथ ही घरों में घुटने भर पानी जमा हो गया है. ऐसे में लोग गांव में गांव से पलायन कर ऊंचे स्थानों पर जा चुके हैं, लेकिन अभी तक जिला प्रशासन की तरफ से कोई अधिकारी इन लोगों का हाल जानने नहीं आया है.

पेश है रिपोर्ट

पानी में रहने को मजबूर हैं लोग
गांव के लोगों के पास खाने के लिए राशन नहीं है और न ही रहने के लिए छत ही है. ये लोग सड़क किनारे ऊंचे स्थान पर रहने को मजबूर है. बाढ़ प्रभावित लोग अपनी बदहाली के बीच सरकार की तरफ से मदद मिलने के इंतजार में हैं. कुछ लोग अपने घर में छोटे-छोटे बच्चों के साथ रह रहे हैं. उन्हें डर भी लग रहा है लेकिन अपने घर की देखरेख करने के लिए ये लोग जान हथेली पर रखकर पानी में रात भर रहने को मजबूर हैं.

पलायन करते लोग

मदद की आस में बाढ़ प्रभावित
बता दें कि मझौलिया प्रखंड के कई ऐसे पंचायत हैं जिसमें बूढ़ी गंडक नदी का पानी फैल चुका है. गांव के लोग डरे और सहमे हुए हैं. लोग राहत सामग्री का इंतजार कर रहे हैं. पश्चिमी चंपारण जिले में चारों तरफ बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. हर तरफ नदियों का जलस्तर बढ़ चुका है. सड़कों पर 4 से 5 फीट पानी बह रहा है. सरकार बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए उचित इंतजाम करने के दावे कर रही है. लेकिन भरवलिया गांव के लोग अब भी मदद की आस में हैं.

बाढ़ का पानी

ABOUT THE AUTHOR

...view details