पश्चिम चंपारण(बेतिया): जिले में हो रही लगातार बारिश के कारण नदियों का जलस्तरबढ़ चुका है. नदियों का पानी अब गांव की तरफ तेजी से प्रवेश कर रहा है. ऐसे में मझौलिया प्रखंड के बरवा सेमरा पंचायत (Barwa Semra Panchayat) के कई गांव टापू (Flood Situation in Bettiah) बन चुके हैं. सेमरा गांव के ग्रामीणों के लिए एकमात्र सहारा नाव ही है, लेकिन फिलहाल उसकी भी व्यवस्था नहीं की गई है.
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गांव 'टापू' में तब्दील
बरवा सेमरा पंचायत के बघंभरपुर गांव से सेमरा गांव जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है. सड़क पर 4 से 5 फीट पानी बह रहा है. सड़क के बीचों-बीच बना डायवर्सन बाढ़ की भेंट चढ़ चुका है. ऐसे में गांव में जाने के लिए एकमात्र सहारा नाव ही हैं. उसके लिए भी ग्रामीणों को इंतजार करना पड़ रहा हैं.
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'किसी की अगर तबीयत खराब हो जाए तो गांव से बाहर निकलने की कोई सुविधा नहीं है. सेमरा और बघंभरपुर गांव के बीचों-बीच बना डायवर्सन बाढ़ की भेंट चढ़ चुका है. पिछले साल आई बाढ़ में भी डायवर्सन टूटा था. इस बार भी वही हाल है.'- स्थानीय
पानी में फंसे लोग
सेमरा गांव के ग्रामीण जान जोखिम में डालकर सड़क पर निकल रहे हैं. उनका कहना है कि गांव में कोई दुकान नहीं है. जिस कारण मझौलिया के सरिसवा बाजार उन्हें आना पड़ रहा है.
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'टूटे डायवर्सन का ग्रामीणों के सहयोग से मरम्मत किया गया था. लेकिन डायवर्सन फिर इस बार पानी की भेंट चढ़ गया.'-स्थानीय
डायवर्सन की स्थिति थी खराब
ग्रामीणों का कहना है कि अगर डायवर्सन मजबूत बनता तो शायद गांव की स्थिति यह नहीं होती. आज पूरा गांव टापू बना हुआ है. सेमरा गांव के लोग गांव में फंसे हुए हैं.
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पलायन को मजबूर ग्रामीण
मझौलिया प्रखंड के कई पंचायत बाढ़ की चपेट में हैं. कई गांव में पानी घुस चुका है. लोग घरों से निकल ऊंचे स्थान पर पलायन करने को मजबूर हैं. मझौलिया प्रखंड के कई ऐसे गांव हैं जहां नाव ही एकमात्र सहारा है. गांव से बाहर किसी भी काम के लिए नाव से ही निकल सकते हैं.
अधिकांश नदियों का बढ़ा जलस्तर
लगातार हो रही बारिश के कारण अधिकांश नदियों का जलस्तर (Flood Situation in Bihar) बढ़ने लगा है. नदियों ने रौद्र रूप धारण कर लिया है. कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. ग्रामीणों को डर सता रहा है कि अभी मानसून की पहली बारिश ही हुई है. जबकि अभी पूरा मॉनसून बाकी है. हालात ऐसे ही रहे तो कटाव और बाढ़ के खतरों के बीच जिंदगी कैसे चलेगी?
क्यों बिगड़े हालात
भारी बारिश के बाद नेपाल द्वारा बड़ी मात्रा में पानी छोड़े जाने से बिहार के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. कई जिलों में प्रशासन ने रेड अलर्ट जारी कर दिया है. इसी बीच नेपाल ने बुधवार को बूढ़ी गंडक नदी में 4 लाख 12 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज कर दिया. जिसकी वजह से बिहार के कई जिलों बाढ़ की विभीषिका झेल रहे हैं