पश्चिमी चंपारण :जिला के कई प्रखंडों में समेकित बाल विकास परियोजना (आईसीडीएस) गड़बड़ी और भ्रष्टाचार का अड्डा बनी हुई है. ईटीवी भारत के हाथ लगी जांच प्रतिवेदन में इस बात का खुलासा हुआ है. दरअसल, यहां अनिता कुमारी जो सीडीपीओ के पद पर थीं. उनपर दो-दो बार प्रपत्र 'क' के तहत बर्खास्तगी की अनुशंसा की गई. बावजूद उनको चार प्रखंडों का प्रभार सौंप दिया गया. इस बाबत माले विधायक ने भी प्रशासन और सरकार पर सवाल खड़े किए हैं.
जिला अंतर्गत मधुबनी, पिपरासी, रामनगर सहित बगहा प्रखंड के पद को सुशोभित कर रही सीडीपीओ अनिता कुमारी पर बगहा एक प्रखंड का सीडीपीओ रहते एक वर्ष पहले अनियमितता बरतने के कई मामलों में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे. लिहाजा, तत्कालीन एसडीएम विजय प्रकाश मीणा और तत्कालीन डीएम डॉ. नीलेश रामचंद्र देवड़े ने सीडीपीओ को भ्रष्टाचार में लिप्त पाया और उन पर दो- दो बार प्रपत्र 'क' के तहत बर्खास्तगी की अनुशंसा की. बावजूद इसके वर्तमान समय में उक्त सीडीपीओ को चार प्रखंडों की जिम्मेदारी दी गई है.
पदभार ग्रहण करते ही शुरू हुआ खेल!
वहीं, अनिता कुमारी पर एक बार फिर भ्रष्टाचार का आरोप लग रहा है. रामनगर प्रखंड के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या- 87, 102, 220 और 221 की सेविकाओं ने सीडीपीओ पर 3 लाख घूस की राशि लेकर अन्य अभ्यर्थियों की बहाली का आरोप लगाया है. सेविकाओं का कहना है कि आम सभा मे उनका चयन हो गया था लेकिन जैसे ही सीडीपीओ अनिता कुमारी को प्रभार मिला, तो वे इन सभी चयनित सेविकाओं से घूस मांगने लगी. उन्होंने घूस देने से इनकार कर दिया तो उनकी बहाली रद्द कर दूसरे अभ्यर्थियों को सेविका पद पर बहाल कर दिया. इस मामले को लेकर चयनमुक्त सेविकाओं ने एसडीएम शेखर आनंद को आवेदन देकर जांच कर कार्रवाई करने की गुहार लगाई है.