बेतिया:पश्चिमी चंपारण सीट से लोकसभा प्रत्याशी संजय जायसवाल पर छठे चरण के मतदान के दौरान हिंसा की वारदात हुई थी. जिसका दोष उन्होंने मोतिहारी डीएम रमन कुमार और एसपी उपेंद्र शर्मा के मत्थे मढ़ा है. संजय जायसवाल ने कहा है कि डीएम और एसपी दोनों मेरी हत्या कराने की साजिश में संलिप्त हैं.
बीजेपी प्रत्याशी ने कहा कि 12 मई को वह अपने लोकसभा क्षेत्र रक्सौल में थे. 12:15 बजे उन्हें जानकारी मिली कि बूथ नंबर 162 और 163 पर हिंदू मतदाताओं को मतदान करने से रोका जा रहा है. साथ ही वहां पर मौजूद कुछ मुस्लिम असामाजिक तत्वों ने हिंदू वोटरों के साथ मारपीट की. फिर बीजेपी प्रत्याशी वहां पहुंचे और प्रशासन को भी इसकी जानकारी दी. लेकिन, 11:45 बजे से 4:00 बजे तक लगातार फोन करते रहने पर भी कोई अधिकारी नहीं आया.
मुश्किल से बची मेरी जान-जायसवाल
जायसवाल ने एसपी पर अभद्रता से फोन पर बात करने की बात कही. उनका कहना है कि एसपी ने कहा कि - 'मेरे पास कोई हवाई जहाज है कि मैं जल्दी आ जाऊं'. अंत में संजय जायसवाल ने पीठासीन अधिकारी को भी सूचित किया. अधिकारी ने सब शांतिपूर्ण होने देने की बात कही. मामला धीरे-धीरे बढ़ता गया और नौबत पत्थरबाजी तक आ पहुंच गई. उपद्रवियों ने संजय जायसवाल और हिंदू मतदाताओं पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया. संजय जायसवाल ने बताया कि अगर उनके अंगरक्षकों ने उन्हें नहीं बचाया होता और फायरिंग नहीं की होती तो उनकी हत्या हो जाती. उन्होंने कहा कि 15 से ज्यादा राउंड फायरिंग हुई तब जाकर उनकी जान बची.
मामले की जानकारी देते बीजेपी प्रत्याशी घंटों इंतजार के बाद भी नहीं पहुंचे अधिकारी
डॉ. संजय जयसवाल ने पूर्वी चंपारण डीएम रमन कुमार और एसपी उपेंद्र शर्मा पर हत्या कराने की साजिश का आरोप लगाया. उनका कहना है कि बार-बार फोने करने के बाद भी वो नहीं आए. उन्होंने ये भी कहा कि बाद में एसपी ने अपना मोबाइल बंद कर लिया. इसके बाद संजय जायसवाल ने बेतिया आरओ को फोन किया. उन्होंने आरओ को खबर दी. जिसके बाद मोतिहारी एसपी से बात हुई. एसपी ने आने का आश्वासन दिया लेकिन, घंटों तक इंतजार करने के बाद भी एसपी महोदय नहीं पहुंचे.