बगहाः बिहार के रोहतास से रेस्क्यू किये गये मगरमच्छ (Crocodile In Rohtas ) को वन विभाग की टीम ने बगहा के गंडक नदी में छोड़ (Crocodile released into Gandak river at Bagaha) दिया गया है. मगरमच्छ की लंबाई 17 फीट बतायी जा रही है. धनहा- उत्तरप्रदेश मार्ग अंतर्गत गौतम बुद्ध सेतु के पास वाल्मीकि नगर से निकलने वाली गंडक नदी मगरमच्छ के लिए सेफ जोन है. इसी कारण वन विभाग ने उक्त मगरमच्छ का स्वास्थ्य परीक्षण करा नदी में छोड़ दिया है.
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"रोहतास के नासिर गंज धुस स्थित आरा कैनाल से मगरमच्छ को रेस्क्यू किया गया, जिसकी लंबाई 17 फीट है. आरा कैनाल बड़े मगरमच्छ के लिए उपयुक्त नहीं है. लिहाजा घड़ियाल को रोहतास से बेतिया डिवीजन के सुपुर्द कर दिया गया. बेतिया डिवीजन के पदाधिकारियों की देखरेख में घड़ियाल का स्वास्थ जांच करा कर धनहा स्थित गौतम बुद्ध सेतु पुल के पासमगरमच्छको छोड़ दिया गया है."-सुनील कुमार, बगहा परीक्षेत्र वन पदाधिकारी, वाल्मीकि टाइगर रिजर्व बेतिया डिवीजन
गंडक नदी में 500 से ज्यादा मगरमच्छःवन विभाग के अधिकारियों के अनुसार गंडक नदी को मगरमच्छों के लिए सबसे अच्छा अधिवास केंद्र माना जाता है. गंडक भारत में मगरमच्छों के लिए दूसरा सबसे बड़ा अधिवास केंद्र है. फिलहाल गंडक नदी में 500 से ज्यादा मगरमच्छ हैं. यही वजह है कि रोहतास से पकड़े गए भारी-भरकम विशालकाय मगरमच्छ को वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (Valmiki Tiger Reserve) से होकर निकलने वाली गंडक नदी में शनिवार छोड़ा गया. यह मगरमच्छ रोहतास के नासरीगंज के सोन नहर से वन विभाग द्वारा पकड़ा गया था.
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