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पश्चिमी चम्पारण: कार्य में लापरवाही बरतने वाले दर्जनों वनकर्मियों की हुई छुट्टी - कार्य में लापरवाही के लिए कई वनकर्मियों को हटाया गया

पश्चिमी चंपारण के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में पदस्थापित दर्जनों वनकर्मियों को वन विभाग ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है. इन सभी वनकर्मियों पर कार्य में कोताही बरतने का आरोप था. परफॉर्मेंस रिपोर्ट कार्ड के आधार पर विभाग ने यह बड़ा फैसला लेते हुए वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के पांचों रेंज से कर्मियों की छंटनी की है.

कार्य में लापरवाही बरतने वाले दर्जनों वनकर्मियों को हटाया गया
कार्य में लापरवाही बरतने वाले दर्जनों वनकर्मियों को हटाया गया

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Published : Apr 18, 2021, 12:25 PM IST

पश्चिमी चंपारण: सूबे के एक मात्र वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में कार्यरत दर्जनों वनकर्मियों को वन विभाग ने नौकरी से हटा दिया है. कार्य में लापरवाही बरतने को लेकर विभाग ने यह फैसला लिया है. यह कार्रवाई प्रत्येक रेंज के 5-5 कर्मियों पर की गई है. बता दें कि वीटीआर के अंतर्गत जिला में पांच रेंज आते हैं. लिहाजा वन प्रमंडल-1 और वन प्रमंडल-2 में कार्यरत 25 कर्मियों की छुट्टी कर दी गई है.

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नए फॉरेस्ट गार्डों की होगी तैनाती
वन विभाग के क्षेत्र निदेशक हेमकांत राय ने बताया कि वन प्रमंडल के अधिकारियों द्वारा परफॉर्मेंस रिपोर्ट कार्ड दिया गया था. जिसके आधार पर काम में कोताही बरतने वाले टाइगर टेकर समेत पेट्रोलिंग पार्टी के कर्मियों को हटा दिया गया है, और उनके जगह पर नए बहाल किये गए फॉरेस्ट गार्डों को वन विभाग की बहुमूल्य वन संपदा की जिम्मेदारी सौंपी गई है. उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से यूनिट को कम करना भी मजबूरी थी. लिहाजा वन संपदा की सुरक्षा में लगे कुछ होमगार्डों को भी कार्य मुक्त कर दिया गया है.

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600 वनकर्मियों की तैनाती के बावजूद वन संपदा पर खतरा
बता दें कि जिला अंतर्गत वाल्मीकि टाइगर रिजर्व 899 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है और इसकी सुरक्षा के लिहाजा से पूरे वनक्षेत्र को दो प्रमंडल और 5 रेंज में विभाजित कर 600 वनकर्मियों द्वारा इसकी सुरक्षा की जाती है. बावजूद इसके जंगल से बहुमूल्य लकड़ियों की तस्करी पर अंकुश नहीं लग पाता है. साथ ही वन अपराधी वन्य जीवों के शिकार को लेकर भी सक्रिय रहते हैं. यही वजह है कि जिस-जिस रेंज से लापरवाह वनकर्मियों की लिस्ट विभाग को गई थी. उन्हें कार्यमुक्त कर दिया गया है. वन क्षेत्र निदेशक ने बताया कि वन संपदा की सुरक्षा सभी वनकर्मियों की प्राथमिकता है, इसकी सुरक्षा में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

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