पश्चिम चंपारणः चैत्र नवरात्रि बुधवार से शुरू हो गई. कोरोना वायरस की वजह से राज्य के सभी जिलों को लॉक डाउन कर दिया गया है. संक्रमण के प्रभाव की वजह से प्रशासन ने धार्मिक स्थलों पर जाने और मेले के आयोजन पर भी पाबंदी लगा दी है. ऐसे में चैत्र नवरात्रि के मौके पर क्षेत्र के सभी धार्मिक स्थलों पर सन्नाटा पसरा हुआ है.
सभी धार्मिक स्थलों को किया गया बंद
कोरोना वायरस के मद्देनजर 21 दिनों के लॉक डाउन के उपरांत चैत्र नवरात्र भक्तों के लिए इस बार फीका रहने वाला है. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के अंतर्गत ऐतिहासिक प्राचीन देवी स्थानों खासकर मदनपुर और नरदेवी स्थान पर भक्तों की काफी भीड़ जुटती थी. ये स्थान सालों भर गुलजार रहते थे. लेकिन अब प्रशासन का स्थानों को बैन करने के बाद यहां सन्नाटा पसरा हुआ है.
नरदेवी और मदनपुर स्थान का अलौकिक महत्व
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के घने जंगलों के बीच स्थित मदनपुर स्थान पर नेपाल, यूपी और बिहार के दूर दराज के क्षेत्रों से लोग पूजा अर्चना करने आते हैं. प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिर के बारे में बताया जाता है कि पहले रहसु गुरु बाघों से अलकतरा में दौड़ी करवाते थे और जो अनाज निकलता था उसी का प्रसाद बनाकर वितरित होता था. वही इंडो नेपाल सीमा पर स्थित नरदेवी स्थान के बारे में कहा जाता है कि यहां नर की बलि दी जाती थी.
रामनवमी में नहीं लगेगा मेला
बगहा एसडीएम विशाल राज बताया कि इस बार कोरोना संक्रमण को लेकर रामनवमी के मौके पर मेला नहीं लगेगा. लॉक डाउन में लोगों को जागरूक किया जाएगा कि नवमी के मौके पर घर में ही पूजा अर्चना करें. किसी भी सूरत में लॉक डाउन आदेश की अवहेलना न करें.