बेतिया(वाल्मीकिनगर):नेपाल और उत्तर बिहार में हो रही भारी बारिश की वजह से गंगा, गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती और कोसी नदियां लाल निशान के आस-पास बह रही हैं. कई जिलों में बांध टूट गये हैं तो कई जिलों की सड़कें टूट गयी हैं. कई जिलों के सड़क सम्पर्क और रेल मार्ग भंग हो गये हैं. जिले मधुबनी प्रखंड स्थित सिसई पंचायत के बाढ़ पीड़ितों को दो सप्ताह बीत जाने के बाद भी कोई सहायता नहीं मिल पाई है. इसको लेकर गुस्साए ग्रामीणों ने शनिवार को विरोध प्रदर्शन किया.
बेतिया में बाढ़ के दो सप्ताह बाद भी नही मिली राहत सामग्री, नाराज बाढ़ पीड़ितों ने किया प्रदर्शन - बाढ़ पीड़ितों ने किया प्रदर्शन
बिहार में बाढ़ की वजह से कई घर तबाह हो गए हैं. वहीं, कई लोगों की बाढ़ के पानी में डूबने जान भी जा चुकी है. इसके बावजूद स्थानीय प्रशासन की ओर से बाढ़ पीड़ियों की सुधि नहीं ली जा रही है.
प्रशासन ने नहीं ली सुधि
बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि बाढ़ की वजह से उनके घर में पानी घुस गया है. पानी के घुसने के कारण घर में रखा अनाज खराब हो गया है. ऐसे में ग्रामीण दाने-दाने के मोहताज हो गए हैं. उन्होंने बताया कि लगातार हम सभी ग्रामीण लगातार बाढ़ का प्रकोप झेल रहे हैं. लेकिन प्रशासनिक स्तर पर अभी तक कोई भी सरकारी सहायता मुहैया नहीं कराई गई है. जिससे नाराज ग्रामीणों ने अंचल कार्यालय की निष्क्रियता को लेकर जमकर नारेबाजी की.
सूचना देने पर भी नहीं पहुंचे अधिकारी
पंचायत समिति सदस्य जयप्रकाश यादव ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों के संबंध में अंचलाधिकारी को कई बार जानकारी दी गई. लेकिन उनकी ओर से अभी तक बाढ़ पीड़ितों को कोई भी सरकारी सहायता उपलब्ध नहीं कराई गई है. उन्होंने बताया कि अधिकारियों की ओर से अभी तक जिले में बाढ़ पीड़ितों की सूची भी नहीं बनवाई गई है. जिसकी वजह से बाढ़ पीड़ितों में आक्रोश है. पंचायत समिति सदस्य ने कहा कि बाढ़ की त्रासदी से लोग परेशान है लेकिन कोई भी अधिकारी अभी तक पंचायत का निरीक्षण करने नहीं आये हैं.