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इनसे सीखें भाईचारा: एक ही पेड़ के नीचे पूजा और नमाज, पूरब में राम तो पश्चिम की तरफ अल्लाह - etv bharat news

बेतिया की ये तस्वीर आपको हैरान कर देगी. यहां एक ही पेड़ के नीचे पूजा और नमाज दोनों होती है, यहां ना मंदिर है और ना ही मस्जिद लेकिन हिंदू और मुसलमान अपने-अपने हिसाब से अपने खुदा और भगवान को एक साथ याद करते हैं.

एक ही पेड़ के नीचे पूजा और नमाज
एक ही पेड़ के नीचे पूजा और नमाज

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Published : Jun 6, 2022, 2:26 PM IST

बेतियाःबिहार के बेतियासे एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसे देख आप हैरत में पड़ जाएंगे. एक विशाल पेड़ के नीचे ईश्वर और अल्लाह दोनों हैं. मंदिर की घंटी की आवाज है और साथ में नमाज (Puja And Namaz under same tree in Bettiah) भी है. यहां दो धर्मों का ऐसा मिलन है कि पूरब की तरफ राम हैं और पश्चिम की तरफ अल्लाह. यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि जो लोग मंदिर और मस्जिद की बात कर मजहबों का बंटवारा कर रहें हैं, उन्हें यह तस्वीर जरूर देखनी चाहिए.

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दरअसल, बेतिया के मझौलिया के डुमरी सरेह (Dumri Sareh of Majholia) में एक स्थान है, जिसे पीर बाबा कहा जाता है. जो विशाल वृक्ष के नीचे हैं. यहां ना ही मंदिर है और ना ही मस्जिद है लेकिन यहां भाईचारे की ऐसी तस्वीर देखने को मिलती है, जो शायद ही कहीं मिले. एक विशाल पीपल के पेड़ के नीचे पूजा भी हो रही है और नमाज भी पढ़ी जा रही है. पूरब की तरफ हिन्दू धर्म के लोग घंटी बजाकर पूजा करते हैं, तो मुसलिम समुदाय के लोग पश्चिम की तरफ मुड़कर नमाज पढ़ते हैं.

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'यहां बरसों से लोग ऐसे ही पूजा करते हैं, जो लोग आते हैं अपनी मन्नत मांगते हैं, वो पूरी होती है. हर सोमवार और शुक्रवाैर को हजारों की भीड़ होती है. यहां कोई ना मंदिर है और ना ही मस्जिद. सब लोग मिलजुल कर अपनी-अपनी आस्था के अनुसार अपनी मनोकामना और पूजा पाठ में लगे रहते हैं'- श्रद्धालु

एक श्रद्धालु ने बताया कि यहां दोनों धर्मों की महिलाएं पुरुष एक साथ पूजा और नमाज पढ़ते हैं. यहां सालों से ही ऐसी पूजा होती आ रही है. हिन्दू और मुसलमान यहां बटे हुए नहीं हैं. हजारों लोग दूर-दूर से यहां आते हैं और एक ही पेड़ के नीचे अपने अपने धर्मों के हिसाब से अपनी पूजा करते हैं.
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