बेतिया:जिला प्रशासन, अस्पताल प्रशासन और जेल प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. 20 नवंबर की रात इलाज के दौरान बगहा जेल में बंद कैदी इश्हाक बैठा की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई, लेकिन 36 घंटे बाद भी मृतक कैदी का पोस्टमार्टम तक नहीं हो सका. वहीं, इतनी बड़ी लापरवाही सिस्टम पर सवाल खड़े कर रही है कि प्रशासन ने मृतक कैदी के साथ किस तरह से आमानवीय हरकत की.
बेतिया: विचाराधीन कैदी की इलाज के दौरान मौत, 36 घंटे तक नहीं हुआ पोस्टमार्टम - Inmate of Bagaha prison dies
विचाराधीन कैदी की इलाज के दौरान मौत हो गई. इसके बाद मृतक कैदी के शव का 36 घंटे तक पोस्टमार्टम नहीं हो सका. यह प्रशासन की आमानवीय हरकत को दर्शाता है.
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इलाज के दौरान कैदी की मौत
बता दें कि बगहा जेल में बंद कैदी इश्हाक बैठा की अचानक तबियत बिगड़ी, जिसको इलाज के लिए बगहा अनुमंडल अस्पताल भेजा गया. वहां से डॉक्टरों ने उसे बेतिया रेफर कर दिया. वहीं, बेतिया गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान उसकी की मौत हो गई.
36 घंटे तक नहीं हो पाया शव का पोस्टमार्टम
जानकारी के अनुसार 36 घंटे तक मृतक कैदी का पोस्टमार्टम तक नहीं हो पाया. वहीं, जेल प्रशासन, अस्पताल प्रशासन और जिला प्रशासन के पत्राचार में कैदी की डेड बॉडी पोस्टमार्टम रूम में ही पड़ी रही. साथ ही यह घटना प्रशासन की पूरी सिस्टम को शर्मसार कर रही है. वहीं, बगहा जेल से आए पुलिस का कहना है कि कागजी कार्रवाई के कारण पोस्टमार्टम में विलंब हुआ है.