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जन सुराज यात्रा में बोले प्रशांत किशोर-'बिहार में केवल 1250 से 1500 परिवार के लोग ही सांसद या विधायक बन रहे' - जन सुराज पदयात्रा

प्रशांत किशोर ने जन सुराज पदयात्रा के 9वें दिन सोमवार की सुबह कैंप में स्थानीय लोगों से मुलाकात की. मुलाकात करने वाले लोगों में ज्यादातर किसान और मजदूर वर्ग के लोग थे. इनलोगों ने प्रशांत किशोर को अपनी समस्यायों से अवगत कराया और जन सुराज की सोच के बारे में उनसे चर्चा की (Prashant Kishor padyatra).

जन सुराज यात्रा
जन सुराज यात्रा

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Published : Oct 10, 2022, 10:49 PM IST

पश्चिम चंपारण: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अपनी जनसुराज यात्रा के दौरान सोमावार काे मैनटांड़ विश्राम किया. शिविर में स्थानीय लोगों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि देश जब आजाद हुआ तमिलनाडु बिहार से ज्यादा गरीब था. आज हमारे यहां के लड़के जाकर तमिलनाडु में मजदूरी कर रहे हैं, वहां कैसे व्यवस्था बदल गई. समाज जागेगा, प्रयास करेगा तभी व्यवस्था परिवर्तन होगा. इसी व्यवस्था परिवर्तन के लिए हम निकले हुए हैं.

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प्रशांत किशोर की जनसुराज यात्रा.

राजनीतिक दलों पर साधा निशानाः प्रशांत किशोर ने राजनीतिक दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि व्यवस्था परिवर्तन की बात करने से लोग परेशान हैं. अगर जनता जाग गई तो कोई समीकरण नहीं बचेगा. हमारे लड़के देश भर में मजदूरी कर रहे हैं और नेताजी कह रहे हैं कि बिहार में विकास हुआ है. मैनटांड़ प्रखंड के स्थानीय लोगों से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में 13 करोड़ की आबादी में से 8 करोड़ आबादी ऐसी है जिसे दिन का 100 रुपया भी मुहैया नहीं होता है.

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बिहार में व्यवस्था परिवर्तन की जरूरतः प्रशांत किशोर ने कहा कि यहां 3 करोड़ परिवार में से केवल 1250 से 1500 परिवार के लोग ही सांसद या विधायक बन रहे हैं. दूसरे किसी को मौका नहीं मिलता. 20 वर्ष से वही परिवार राज कर रहा है, इनके अनुसार दूसरा कोई काबिल नहीं है. जो आदमी राजनीति में आना चाहता है जिसके अंदर बिहार में व्यवस्था परिवर्तन को लेकर जज़्बा है, वैसे लोग साधन या व्यवस्था के अभाव में पीछे न छूटे, यही प्रयास कर रहे हैं.

"देश जब आजाद हुआ तमिलनाडु बिहार से ज्यादा गरीब था. आज हमारे यहां के लड़के जाकर तमिलनाडु में मजदूरी कर रहे हैं, वहां कैसे व्यवस्था बदल गई. समाज जागेगा, प्रयास करेगा तभी व्यवस्था परिवर्तन होगा. इसी व्यवस्था परिवर्तन के लिए हम निकले हुए हैं" -प्रशांत किशोर, चुनावी रणनीतिकार

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