बेतिया: सीएम नीतीश कुमार पर्यावरण को लेकर काफी सजग हैं. हाल ही में उन्होंने प्रदेश के आलाधिकारियों को सूबे में तालाबों को जीर्णोद्धार करने का निर्देश दिया था. लेकिन प्रशासन इसको लेकर सुस्त है. जिले में आज कुल 64 एकड़ तालाब भूमि अतिक्रमण का शिकार है.
बेतिया शहर के उत्तरवारी पोखरा, बानुछापर तालाब, हरिवाटिका पोखरा, पिपरा पकड़ी तालाब, छावनी तालाब सहित कई ऐसे स्थान अतिक्रमण के शिकार हैं. भू-माफियओं ने शहर में ऐसे तालाब वाले कुल 64 एकड़ भूमि को अतिक्रमण कर लोगों को बेच दिया है. इस जमीन पर लोग घर बनाकर रह रहे हैं. जिले में कुल 400 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण है.
तालाब अतिक्रमण पर एक रिपोर्ट अतिक्रमण को लेकर प्रशासन सुस्त
जिले में लगभग 400 एकड़ से ज्यादा तालाब और जलकर की भूमि पर अतिक्रमण है. यहां से आज पूरी तरह से तालाबों का नामो निशान खत्म हो चुका है. इससे जलकरों का अस्तित्व खतरे में है. लेकिन इन अतिक्रमणकारियों की ओर प्रशासन का ध्यान तक नहीं है.
'जल्द अतिक्रमण मुक्त किया जाएगा'
मत्स्य विभाग के पदाधिकारी मनीष कुमार ने बताया कि अतिक्रमणकारियों को चिन्हित कर लिया गया है. उन्हें नोटिस भेजा जा रहा है. जिले के सभी सीओ को नोटिस भेजा गया है. इस साल के अंत तक तालाब और जलकरों को भी अतिक्रमण मुक्त करा लिया जाएगा. इसके बाद तालाबों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा. मछली पालन कर राजस्व में बढ़ोतरी की जाएगी.
भूमि अतिक्रमण कर लोगों ने बनाया घर हाईकोर्ट ने लगाई थी फटकार
बता दें कि उच्च न्यायालय ने प्रदेश में तालाबों पर अतिक्रमण को लेकर हाल ही में सरकार को फटकार लगाई थी. उच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि जल्द से जल्द ऐसी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए. इस आदेश के बाद सरकार भी एक्शन में दिख रही थी. सरकार ने तालाबों को लेकर कई फैसले लिए थे.