बिहार

bihar

ETV Bharat / state

दशकों प्रयास के बाद बना पायलट चैनल एक माह में ही ध्वस्त, महीनों बाद भी जायजा लेने नहीं पहुंचे अधिकारी - औरहिया गांव

4 करोड़ की लागत से बना पायलट चैनल एक माह में हीं ध्वस्त हो गया. वहीं प्रशासन की उदासीनता देखकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश है. उनकी मांग है कि सरकार बाढ़ कटाव और त्रासदी का कोई कारगर उपाय निकाले, जिससे जंगल नदी किनारे बसे दर्जनों गांव प्राकृतिक आपदा से बच सके.

पायलट चैनल

By

Published : Aug 23, 2019, 3:09 PM IST

पश्चिमी चम्पारण: जिले के रामनगर प्रखंड के औरहिया गांव स्थित मशान नदी में दशकों प्रयास के बाद बना पायलट चैनल एक माह में ही ध्वस्त हो गया. पायलट चैनल को टूटे एक माह से ऊपर हो गए हैं. अब तक कोई भी सरकारी अधिकारी इसका जायजा लेने नहीं पहुंचा है. ग्रामीणों में कटाव की वजह से पुनः गांव में बाढ़ का पानी घुसने का डर सता रहा है. वहीं प्रशासन के ढीले रवैये से इनका आक्रोश भी बढ़ रहा है. अब ग्रामीण आंदोलन की चेतावनी भी दे रहे हैं.

ग्राउन्ड जीरो पर ईटीवी भारत

लगभग 4 करोड़ की लागत से बनाया गया था पायलट चैनल
रामनगर प्रखंड के गुदगुदी पंचायत अंतर्गत हरिहरपुर गांव और औरहिया गांव के बीच गुजरने वाले मशान नदी में एक पायलट चैनल का निर्माण कराया गया था. लगभग 4 करोड़ की लागत से इस चैनल का निर्माण इसी वर्ष मई में कराया गया था, जो जून माह में हुए बरसात में हीं ध्वस्त हो गया. इस वजह से हरिहरपुर गांव पूरी तरह जलमग्न हो गया था. उस वक्त बाढ़ से डूबे ग्रामीणों का खबर लेने कोई अधिकारी नही गया, जिसका मलाल ग्रामीणों को आज भी है. हालांकि एक सप्ताह बाद स्थिति सामान्य हो गई थी.

पायलट चैनल की स्थिति

जनांदोलन के बाद मिली थी पायलट निर्माण की मंजूरी
आपको बता दें कि मशान नदी के किनारे बसे दर्जनों गांव दशकों से बाढ़ की विभीषिका झेलते आ रहे हैं. बाढ़ के तांडव से परेशान ग्रामीण प्रशासन की उदासीनता से भी परेशान हो गए. अंत में उनलोगों ने खुद हीं श्रमदान, चंदा व बांस बल्ला इकट्ठा कर नदी की धारा मोड़ने का विफल प्रयास किया. नदी पर बांध बनाने के लिए जनांदोलन भी करते रहे. इसके बाद जलसंसाधन विभाग ने इनकी बात सुनी और 3 करोड़ 87 लाख की लागत से एक पायलट निर्माण की मंजूरी दी गई.

पेश है रिपोर्ट

प्रशासन की उदासीनता से ग्रामीणों में आक्रोश
ग्रामीण चाहते थे कि विभाग नदी के किनारे पायलट चैनल लगाकर नदी की धारा को मोड़ दे, लेकिन विभाग ने अपने अनुसार बीच नदी में पायलट चैनल का निर्माण करवाया. एक माह बाद ही उक्त बांध मशान नदी की धारा में समाहित हो गया और हरिहरपुर गांव में बाढ़ का पानी घुस गया. वहीं औरहिया गांव पूरी तरह तबाह हो गया, जिसके बाद वहां के ग्रामीणों ने पहाड़ों पर जाकर शरण ले लिया. अब ग्रामीणों में इस बात का गुस्सा है कि पायलट चैनल टूटे एक माह से ज्यादा हो चुका है, लेकिन अब तक कोई भी अधिकारी इसका जायजा लेने नही पहुंचा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details