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मुर्गे को पछाड़ प्याज पहुंचा 135 के पार, लोगों की थाली से गायब हुआ चिकन और मटन - Chicken and Mutton

चिकन और मटन की दुकानों में पसरे सन्नाटे पर सवाल करने पर दुकानदारों का भी दर्द छलक पड़ा. उन्होंने भी कहा कि प्याज के बिना स्वाद नहीं. ऐसे में लोग जहां सप्ताह में एक बार मटन-चिकन ले जाते थे. अब ऐसा नहीं है.

बेतिया
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Published : Dec 21, 2019, 4:36 AM IST

बेतिया:जिले में प्याज के आसमान छूते दामों ने लोगों की थाली से चिकन और मटन नदारद कर दिया है. यही नहीं, जिले में मुर्गे की कीमत महज 110 रुपये है, तो वहीं प्याज 135 रुपये प्रति किलो के पार है. इस बाबत ईटीवी भारत ने जब दुकानदारों और बाजार पहुंचे लोगों से बात की, तो उनका दर्द छलक पड़ा.

प्याज की पहले टमाटर से टक्कर होती थी. जब टमाटर 40 से 80 रुपये किलो बिकता था. लेकिन जब प्याज के दामों ने अपनी रफ्तार पकड़ी तो टमाटर के आंखों में आंसू आ गए. यही नहीं प्याज ने अपने भाव इस कदर बढ़ा लिये कि मुर्गे को थाली से नदारद होना पड़ रहा है और अब प्याज और मुर्गे की जंग छिड़ गई है. प्याज की रफ्तार 100 के पार होते ही चिकन व्यवसायियों में हड़कंप मच गया है. प्याज ने बेतिया में 1 सप्ताह के अंदर ही मुर्गे को पछाड़ दिया है.

बेतिया से जितेंद्र कुमार गुप्ता की रिपोर्ट

छोटे दुकानदारों के पास नहीं है प्याज
प्याज की बढ़ी कीमतों के बाद आलम यह है कि छोटे दुकानदार प्याज बेचना बंद कर चुके हैं. तो वहीं, बड़े दुकानदार पूरे दिन में 10 से 15 किलो ही प्याज बेच पा रहे हैं. बता दे कि पूरे जिले में प्रतिदिन 5 ट्रक प्याज की खपत होती थी. लेकिन बढ़ते दाम को देखते हुए ग्राहकों के आंखों में आंसू आ गए हैं और जिले में इस समय मात्र 1 ट्रक प्याज की खपत हो रही है.

135 रुपये केजी के पार हुआ प्याज

अगस्त महीने से प्याज की कीमत बढ़ने लगी थी. अगस्त के अंतिम सप्ताह में प्याज की कीमत 30 रुपये थी. फिर सितंबर से प्याज की कीमतों ने 40 का कांटा पार कर दिया. वहीं, जब अक्टूबर में 50 किलो बिकने लगा तो ग्राहकों के होश उड़ गए और नवंबर में अचानक प्याज की कीमत फिर बढ़ी और देखते ही देखते प्याज 80 रुपये केजी हो गया. इसके बाद नवंबर से ही प्याज और मुर्गे की जंग छिड़ गई.

निराश हैं प्याज विक्रेता

दुकानदारों का दर्द...
ईटीवी भारत से बात करते हुए लोगों ने बताया कि अब तो ऐसा लगता है कि प्याज को मुर्गे में डालें या मुर्गे को प्याज में. कुछ समझ में नहीं आ रहा है. वहीं, चिकन और मटन की दुकानों में पसरे सन्नाटे पर सवाल करने पर दुकानदारों का भी दर्द छलक पड़ा. उन्होंने भी कहा कि प्याज के बिना स्वाद नहीं. ऐसे में लोग जहां सप्ताह में एक बार मटन-चिकन ले जाते थे. अब ऐसा नहीं है. लोगों ने हमारी दुकानों से प्याज की वजह से मुंह मोड़ लिया है.

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