बेतिया(वाल्मीकिनगर):जिले में अभी पिछली बार आयी बाढ़ से लोग अभी तक पूरी तरह उबर ही नहीं पाए थे कि दोबारा बाढ़ आने से लोगों की दिक्कतें काफी बढ़ गई है. इससें पीड़ित लोगों को दोनो समय के भोजन पर भी आफत आ गई है. वहीं, बाढ़ पीड़ितों के हालात की जानकारी लेने कोई भी अधिकारी अभी तक नहीं आये है. इसको लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश व्याप्त है. इससें नाराज ग्रामीणों ने विधानसभा चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी है.
बाढ़ से प्रभावित लोगों ने बांध पर ली शरण, वोट बहिष्कार की दी चेतावनी - बेतिया में बाढ़
बेतिया के वाल्मीकिनगर में हुई बारिश की वजह से चारों तरफ पानी भर गया है. जिसकी वजह से लोगों को आवागमन में काफी परेशानी हो रही है. ऐसे में स्थानीय लोगों ने बांध पर शरण ली है.
प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी
जिले के पिपरासी प्रखंड स्थित श्रीपतनगर और नया टोला भैसाहिया गांव के पूरे घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. वहीं, बाढ़ के पानी से गांव की सड़कें भी क्षतिग्रष्ट हो गई है. मजबूरन लोग निर्माणाधीन रेल बांध पर शरण लिए हुए है. लोगों के घरों में रखे सभी अनाज और जलावन की लकड़ी पानी मे भीग गई है और घरों के नल भी पानी मे डूब गए हैं. इससें लोगों के निवालों पर भी आफत आ गई है. वहीं, अपूर्ण रेल लाइन के जद में बसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर बसाने की लगातार आश्वासन के बाद भी लोगों को नहीं बसाया गया. इससें नाराज लोगों ने आगामी विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का निर्णय लेते हुए प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की. वाल्मीकिनगर गंडक बराज से पानी की डिस्चार्ज में कमी आई है और 11 बजे तक डिस्चार्ज 2 लाख तक पहुंच गया है. जो राहत का संकेत है.
फसल का भी नहीं मिला मुआवजा
किसानों ने बताया कि किसानों के 80 प्रतिशत फसल पहले ही नष्ट हो गई थी. वहीं, इस बाढ़ में जो फसल बची थी वह भी नष्ट हो गई है. लेकिन अभी तक प्रशासन की तरफ से कोई भी मुआवजा नहीं दिया गया है. बाढ़ राहत वितरण में भी काफी अनियमितता बरती गई है. किसानों ने जल्द मुआवजे देने की मांग की है.