पश्चिमी चंपारण: रेफरल हॉस्पिटल गौनाहा में अपने ससुर का इलाज कराने पहुंचे बजड़ा पंचायत के मुखिया ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. जिसके चलते मरीज की मौत हो गई. इसको लेकर परिजनों ने जमकर प्रदर्शन भी किया.
ना डॉक्टर मिले ना एंबुलेंस, इलाज के अभाव में मरीज ने तोड़ा दम
मुखिया ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, आरोप लगाया गया है कि समय पर अगर एंबुलेंस मिली होती, या इलाज होता तो मरीज की मौत नहीं होती.
मुखिया जयप्रकाश महतो ने बताया कि उनके ससुर इंद्राशन चौधरी की तबीयत बिगड़ी, तो उन्हें रेफरल हॉस्पिटल गौनाहा पहुंचाया गया. वे इधर उधर भटकते रहे लेकिन कोई डाक्टर इलाज करने के लिए मौके पर नहीं आया. जिसके बाद परिजनों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया. वही सूचना मिलने पर पहुंचे डाॅ सुशील कुमार ने जांच के बाद मरीज को बेहतर इलाज के लिए बेतिया रेफर कर दिया. इतना ही नहीं रेफर होने के बाद उसे ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिली, जिसके बाद निजी वाहन से बेतिया जाते वक्त रास्ते में ही मरीज ने दम तोड़ दिया.
'पहले से खराब है एंबुलेंस'
मरीज को रेफर करने के बाद प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अवधेश कुमार ने बताया कि एक माह पहलेे ही एंबुलेंस खराब हो गई. जिसके कारण मरीज को एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराया जा सका.