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बेतिया का नंदपुर, जहां पैदल ही ससुराल पहुंचती है दुल्हन, सड़क बिन सब सूना है - Bettiah News

Bride Reaches Nandpur By Foot For Marriage: बेतिया के नरकटियागंज नगर परिषद के वार्ड नंबर 4 स्थित नंदपुर में आने-जाने का कोई रास्ता नहीं है. एक छोटी सी पगडंडी जैसे रास्ते से इस वार्ड के लोग आने जाने को मजबूर हैं. किसी की तबीयत खराब हो जाए तो उन्हें चार आदमी कंधे पर उठा कर ले जाते हैं. या किसी की शादी हो तो दूल्हा और दुल्हन को सड़क से पैदल नंदपुर पहुंचना पड़ता है.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 9, 2023, 6:40 AM IST

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बेतिया: बिहार में सड़क निर्माण को लेकर केंद्रऔर राज्य सरकार अपने-अपने संबोधन में कई दावें करती है. कई जिलों में तो सड़क मार्ग के हाल सुधरे है. लेकिन आज भी राज्य में कई ऐसे शहर और जिले है जहां सड़कों की स्थिति काफी दयनीय है. ऐसा ही एक सड़क बेतिया के नरकटियागंज नगर परिषद स्थित नंदपुर में है. जहां लोगों के आने-जाने का कोई रास्ता नहीं है. सिर्फ एक छोटी सी पगडंडी जैसा रास्ता है जिससे लोग आने-जाने को मजबूर हैं.

नगर परिषद से जनप्रतिनिधियों तक से लगा चुके है गुहार: इस बीच अगर किसी की तबीयत खराब हो जाती है तो उन्हें चार आदमी कंधे पर उठा कर ले जाते हैं. वहीं, बरसात के मौसम में यहां के लोगों का जीवन बदहाल हो जाता है. रास्ता नहीं होने से यहां के लोग बेहाल है. यहां के निवासी नगर परिषद से लेकर जनप्रतिनिधियों तक से गुहार लगा चुके हैं. लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. नंदपुर में किसी की शादी होती है तो दुल्हन को मुख्य सड़क पर उतार दिया जाता है और वहां से वह पैदल ही आती है.

गांव में रोड नहीं होने से लोगों में है निराशा.

बरसात में बन जाता टापू: स्थानीय लोगों की माने तो उन्होंने नरकटियागंज नगर परिषद से लेकर यहां के जनप्रतिनिधियों से भी बात की है. लिखित आवेदन दिया है. उसके बावजूद भी उनकी सुनने वाला कोई नहीं है. वार्ड नंबर 4 नंदपुर में आने का कोई रास्ता नहीं है. रेलवे पटरी पार कर लोग गांव में आने-जाने के लिए मजबूर है. जब बरसात का मौसम होता है तो यह टापू बन जाता है. सांप बिच्छू का डर बना रहता है.

स्थानीय लोगों में आक्रोश:स्थानीय लोगोंका कहना है कि यहां के जनप्रतिनिधि, नेता किसी को हमारी इस समस्या की चिंता नहीं है. सिर्फ चुनाव के वक्त वह वोट लेने आते हैं और आश्वासन देकर चले जाते हैं. कई बार ग्रामीणों द्वारा स्थानीय पार्षद, जनप्रतिनिधि, नगर परिषद को लिखित में इसकी शिकायत की गई है. लेकिन अब तक इस समस्या का कोई निदान नहीं हुआ.

बेतिया के एक गांव में कंधे पर उठाकर अस्पताल ले जाते हैं परिजन

"जब भी गांव में किसी की शादी होती है तो उसे मुख्य सड़क पर उतार दिया जाता है. वहां से उसे रेल ट्रैक के सहारे पैदल ही आना पड़ता है. स्कूली बच्चों को भी गोद में लेकर अभिभावकों उन्हें स्कूल पहुंचाते है. सिर्फ चुनाव के वक्त नेताओं को हमारी याद आती है. लेकिन जब हम समस्या में रहते हैं तो इसका निदान निकालने के लिए कोई नहीं आता. हमें सड़क की काफी जरूरत है. इनका कहना है कि अगर इस वार्ड में सड़क का निर्माण हो जाता तो शायद हमारी जिंदगी अच्छे से गुजराती." - बुजुर्ग महिला, स्थानीय

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