शिक्षक नियमावली की वजह से शादी टूटने की बात झूठी बगहा: जब से बिहार में नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली आई है, तब से शिक्षक अभ्यर्थी लगातार इसका विरोध कर रहे हैं. इसी बीच पश्चिम चंपारण जिले के एक युवक की शादी टूटने का इकरारनामा तेजी से वायरल होने लगा. इस पत्र के सामने आने के बाद तरह-तरह की चर्चा होने लगी. सरकार के फैसले को लेकर भी सवाल उठने लगे. महज सरकार के निर्णय की वजह से किसी की शादी टूट जाए, ये बात तोड़ी अटपटी लगी. जिसके बाद ईटीवी भारत संवाददात ने इस पत्र की हकीकत को जानने के लिए बगहा के तमकुहा पंचायत का दौरा किया. जहां न तो उस नाम का कोई लड़का मिला और ना ही लड़की मिली.
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शिक्षक नियमावली की वजह से शादी टूटने की बात झूठी!: दरअसल, इस इकरारनामे में जो पता दिया गया है, वहां पप्पू राज नाम का कोई युवक नहीं रहता है. इतना हीं नहीं यूपी के जटहा बाजार निवासी जिस लड़की और उसके पिता द्वारा शादी संबंध विच्छेद किए जाने का इकरारनामा बनाया गया है, उस नाम का भी वहां कोई लड़की और व्यक्ति नहीं है. इस इकरारनामा की तस्दीक करने जब ईटीवी भारत संवाददाता ग्राउंड जीरो पर पहुंचा तो मुखिया और सरपंच ने बताया कि ऐसे किसी नाम का कोई लड़का इस इलाके में नहीं रहता है.
"इस नाम का कोई व्यक्ति तमकुहा पंचायत में कहीं भी नहीं है. पहले भी किसी ने फोन कर पूछा तो मैंने पता किया लेकिन दूर-दूर तक कोई पप्पू राज नाम का लड़का नहीं मिला. मुझे लगता है कि शिक्षक नियमावली के विरोध में सरकार को बदनाम करने के लिए साजिशन किसी ने ऐसे पत्र को वायरल कर दिया हो"- फारूक अंसारी, मुखिया, तमकुहा पंचायत
"हमारे पंचायत में 10 वार्ड है. हमने सभी वार्ड में जाकर पता लगाया लेकिन पप्पू नाम का व्यक्ति नहीं मिला. सरकार को बदनाम करने के लिए ऐसा किया गया है"-सरपंच के पति, तमकुहा पंचायत
शिक्षक नियमावली के विरोध में शिक्षक संघ: हालांकि जब इस वायरल इकरारनामा के मामले में नियोजित शिक्षक संघ के सचिव मधुरेंद्र कुमार सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जो कुछ हो रहा है, वह सही है. सरकार के निर्णय का शिक्षक संघ द्वारा विरोध जारी रहेगा. उन्होंने बताया कि सरकार उन्हें बिना एग्जाम लिए राज्य सरकार कर्मी का दर्जा दें, क्योंकि वे पढ़ाने के साथ-साथ सरकार द्वारा सौंपे गए प्रत्येक कार्यों को करते आ रहे हैं.
मैंने भी इस पत्र को देखा है. जो कुछ भी हो रहा, सही हो रहा है. ये नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली न केवल हमलोगों के लिए बल्कि सातवें चरण के अभ्यर्थियों के लिए भी हानिकारक है. हमलोग इसे लागू होने नहीं देंगे. सरकार को फैसला वापस लेना होगा"-मधुरेंद्र कुमार सिंह, सचिव, नियोजित शिक्षक संघ
क्या है मामला?आपको बताएं कि वायरल इकरारनामा में लड़की के पिता भोला सिंह द्वारा जिक्र किया गया था कि 'बगहा के धनहा थाना अंतर्गत तमकुहा बाजार मधुबनी निवासी पप्पू राज (पिता स्व. मनोहर सिंह) से उन्होंने अपने बेटी वन्दना कुमारी की शादी यह सोच कर तय किया था कि लड़का शिक्षक बन जाएगा लेकिन वर्ष 2019 से CTET और STET का एग्जाम पास आउट कर लड़का शिक्षक बनने का इंतजार कर रहा था. अब जब नई शिक्षक नियमावली लागू हो गई है तो शिक्षक बनना भविष्य के गर्भ में चला गया है, क्योंकि पुनः बीपीएससी के तहत कंपटीशन का एग्जाम पास करना पड़ेगा. ऐसे में मैं अपनी बिटिया की शादी तोड़ रहा हूं, क्योंकि मैंने बेटी की शादी किसी सरकारी नौकरी पेशा वाले युवक से करने की सोची थी.'