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इंडो-नेपाल सीमा के विवादित स्थल पर नेपाल ने हेलीपैड का किया निर्माण, SSB ने वरीय अधिकारियों को किया सूचित - SSB Intelligence

नेपाल की ओर से 4 हेलीपैड बनाने के लिए 10 एकड़ भूमि अधग्रहीत की गई है. जिसमें से एक हेलीपैड का निर्माण कर लिया गया है. एसएसबी 21 वीं वाहिनी के कमांडेंट राजेन्द्र भारद्वाज ने बताया कि एक माह पूर्व विभागीय इंटेलिजेंस की ओर से विवादित टेरिटरी में हेलिपैड के प्रस्तावित निर्माण की सूचना मिली थी. जिसकी सूचना विभागीय वरीय पदाधिकारियों को दे दी गई है.

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Published : Aug 6, 2020, 12:32 PM IST

Updated : Aug 19, 2020, 9:31 PM IST

बगहाः नेपाल और भारत के रिश्तों में आ रही कड़वाहट के बीच एक बड़ी खबर इंडो-नेपाल सीमा स्थित वाल्मीकि नगर से है. जहां सीमा से सटे नेपाली क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास नेपाल सरकार की ओर से हेलीपैड बनाया जा रहा है. एसएसबी इंटेलिजेंस की मानें तो नेपाल के नवलपरासी जिला के नरसही सुस्ता के विवादित स्थल अंतर्गत वार्ड नं. 4 में हेलीपैड निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है. जिससे सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं.


विवादित स्थल पर 10 एकड़ जमीन पर चार हेलीपैड बनाने की सूचना
नेपाल की ओर से 4 हेलीपैड बनाने के लिए 10 एकड़ भूमि अधग्रहीत की गई है. जिसमें से एक हेलीपैड का निर्माण कर लिया गया है. सूत्रों की मानें तो नेपाल ने जिस जमीन का अधिग्रहण किया है. वह पश्चिम चम्पारण जिला के बगहा-2 प्रखण्ड अंतर्गत ठाड़ी राजस्व थाना-3 भू-भाग का है. इसलिए यह विवादित सुस्ता के नाम से प्रसिद्ध है.

राजेन्द्र भारद्वाज का बयान.

एसएसबी 21 वीं वाहिनी के कमांडेंट राजेन्द्र भारद्वाज ने बताया कि एक माह पूर्व विभागीय इंटेलिजेंस की ओर से विवादित टेरिटरी में हेलिपैड के प्रस्तावित निर्माण की सूचना मिली थी. जिसकी सूचना विभागीय वरीय पदाधिकारियों को दे दी गई है.

बाढ़ पीड़ितों के लिए हेलीपैड बनवाने की दलील
गौरतलब है कि हाल के दिनों में भारत और नेपाल के रिश्तों में जिस तरह से खटास आई है और नेपाल सरकार की ओर से लगातार सीमा क्षेत्र पर जिस तरह की विवादित गतिविधियां देखने को मिली हैं. उससे सुरक्षा एजेंसियां भी सकते में है. नेपाल ने इस विवादित स्थल पर हेलीपैड निर्माण कार्य शुरू कर दिया है. जिसकी प्लानिंग महीनों पहले से हुई है. इसको लेकर नेपाल यह दलील दे रहा है कि हेलीपैड का इस्तेमाल बाढ़ पीड़ितों के लिए दवा व राहत सामग्री पहुंचाने के उद्देश्य से किया जा रहा है. जबकि सच्चाई यह है कि इस तराई क्षेत्र में कभी बाढ़ नहीं आती.

Last Updated : Aug 19, 2020, 9:31 PM IST

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