बेतिया: राष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम लहरा चुकी जिले के नरकटियागंज की राष्ट्रीय महिला फुटबॉलर मोनी कुमारी कोरोना काल में बेहद आर्थिक तंगी झेल रही है. रोजी रोटी के लिए नरकटियागंज रेलवे के पास एक तालाब के किनारे अपने पिता के साथ मोनी आजकल लोगों के कपड़े धोती है.
पिता संग कपड़े धो रही मोनी बता दें कि स्नातक प्रथम खंड कि छात्रा मोनी अखिल भारतीय महिला फुटबॉल में दो बार प्रतिनिधित्व कर चुकी है. वर्ष 2018 में डिब्रूगढ़, आसाम और 2019 में कटक, उड़ीसा में आयोजित अखिल भारतीय फुटबॉल प्रतियोगिता में वह खेल चुकी हैं. आजकल नरकटियागंज रेलवे तालाब के किनारे कपड़ा धोना और सुखाकर घर लाकर प्रेस करना मोनी का दिनचर्या बन गया है, हालांकि वह समय निकालकर अभ्यास करना नहीं भूलती है.
मेडल के साथ राष्ट्रीय फुटबॉलर आर्थिक हालत कमजोर देख पिता का हांथ बंटाने का फैसला
राष्ट्रीय महिला फुटबॉलर मोनी बताती है कि कोरोना से जंग में स्वच्छता की बड़ी भूमिका होती है. मोनी ने बताया कि अपने पिता को आर्थिक रूप से कमजोर देख उसने कपड़ा धोने में हाथ बंटाने का फैसला लिया. इस तरह पिता के सहयोग से दो वक्त की खाने की व्यवस्था हो जाती है. बता दें कि मोनी नरकटियागंज मुनि हरदिया चौक निवासी प्रमोद बैठा की दूसरी बेटी है. पिता प्रमोद बैठा ने बताया कि हाई स्कूल में पढ़ने के दौरान खेल में मोनी की रुचि जगी. उसकी प्रतिभा को देख प्रशिक्षक सुनील वर्मा ने उसे उत्साहित किया और वह रोजाना फुटबॉल खेलने लगी.
सरकार से मदद की है उम्मीद
पिता प्रमोद बैठा ने बताया कि लॉकडाउन के कारण घर की आर्थिक स्थिति काफी खराब है. जिसके कारण मोनी कपड़े धोने को मजबूर है. उन्होंने कहा कि सरकार और जनप्रतिनिधि मेरी बेटी को कोई नौकरी दे देते तो वह कपड़ा धोने का कार्य नहीं करती. उन्होंने बताया कि कपड़ा धोने के बाद जो समय बचता है, उसका सदुपयोग कर मोनी अपनी प्रैक्टिस भी करती है.