बगहा:चेहल्लुम और जन्माष्टमी पर्व एक साथ होने पर सामाजिक सौहार्द और शांति व्यवस्था कायम रखने के मद्देनजर डीएम के नेतृत्व में नगर थाना में शांति समिति की बैठक हुई. डीएम और एसपी ने गणमान्य नागरिकों व जनप्रतिनिधियों के साथ विशेष बैठक कर शांतिपूर्वक दोनों पर्वों को मनाने की अपील की. दोनों पक्षों द्वारा आपसी सौहार्द और सद्भाव बरकरार रखने की आम सहमति बनी.
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चेहल्लुम को लेकर बड़ा फैसला: इसी बीच मुस्लिम समुदाय द्वारा इस बार का माहौल देखते हुए चेहल्लुम का पर्व नहीं मनाने का निर्णय लिया गया है. हालांकि इसमें कोई बंदिश नहीं है. अगर कोई अपने घर मोहल्ले में शांतिपूर्ण तरीके से चेहल्लुम मनाए तो कोई पाबंदी भी नहीं है. इसकी जानकारी सामाजिक कार्यकर्ता आलमगीर रब्बानी ने दी है.
बगहा में नहीं मनाया जाएगा चेहल्लुम: दरअसल बीते 21 अगस्त को शहर के रत्नमाला में महावीरी जुलूस के दौरान दो पक्षों में हुए हिंसक झड़प के बाद बिगड़े माहौल और बड़ी कार्रवाई से सबक लेते हुए आगे ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इस लिहाज से पुलिस प्रशासन कोई चूक नहीं करना चाहता है. इसी के मद्देनजर आदर्श नगर थाना परिसर में आहूत शांति समिति की बैठक में जिलाभर से आलाधिकारियों के साथ लोगों ने भाग लिया और अपने अपने विचार रखे.
"बगहा के मुसलमानों का बड़ा फैसला है. महावीरी झंडा के मौके पर कुछ घटनाएं हुई थी ऐसे में हमने फैसला लिया है चेहल्लुम नहीं मनाएंगे."- आलमगीर रब्बानी, सामाजिक कार्यकर्ता
डीएम का बयान: डीएम दिनेश रॉय ने बताया कि सर्व समुदाय से शामिल गणमान्य नागरिकों व जनप्रतिनिधियों ने कौमी एकता बनाये रखने को लेकर पुलिस प्रशासन को आश्वस्त किया है जो अनूठी पहल है. वहीं विपक्ष की ओर से प्रशासनिक कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े किए जाने पर डीएम ने साफ किया है कि जो भी दोषी होंगें कतई बख्शें नहीं जायेंगे. जो निर्दोष होंगे जांच कर उन्हें राहत जरूर दिया जायेगा.
"बगैर शांति और सद्भाव के किसी भी समाज का विकास सम्भव नहीं है.लिहाजा हम सबों को एक होकर सामाजिक सद्भावना के साथ बगैर किसी भेदभाव और द्वेष के मिल जुलकर आगे बढ़ना होगा."- दिनेश रॉय, जिलाधिकारी, पश्चिम चंपारण