बेतिया में मिड डे मील घोटाला पर स्पेशल रिपोर्ट बेतिया: बिहार के बेतिया में मध्याह्न भोजन की हकीकत क्या है? यह खबर 'पौष्टिकता' के पीछे की पूरी कहानी का पर्दाफाश करने वाली है. दरअसल, बैरिया के दियारावर्ती पखनाहा मध्य विद्यालय में अधिकारी ने जब औचक निरीक्षण किया तो जो पैक्ट सामने आए उससे जिला प्रशासन हैरान रह गया. यहां कक्षा एक से 8वीं तक कुल छात्र-छात्राओं की हाजिरी महज 26 थी. लेकिन स्कूल के हाजिरी पंजिका में 403 बच्चों की उपस्थिति दर्ज थी.
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बेतिया में कागजों पर चलता एमडीएम : जाहिर है कि जितने छात्र स्कूल आएंगे उनके लिए सरकार द्वारा दिया जा रहा 'मिड डे मील' का लाभ भी दिया जाएगा. जबकि भौतिक रूप से 403 छात्रों के मुकाबले 26 बच्चों की उपस्थिति ही थी. ऐसे में सवाल ये उठता है कि बाकी मिड डे मील का खाद्यान्न कहां जा रहा है? नौनिहालों के भोजन पर किसकी नजर है? इन सब सवालों का जवाब लेने के लिए शिक्षा विभाग ने संबंधित स्कूल के हेडमास्टर से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है.
बेतिया का मध्याह्न भोजन घोटाला : बिहार के बेतिया में मध्याह्न भोजन में फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है. बैरिया के दियारावर्ती पखनाहा मध्य विद्यालय के विशेष औचक निरीक्षण के बाद टीम ने बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर किया हैं. यही नहीं, स्कूल टाइम में सभी 8 टीचर प्रधानाध्यापक जितेंद्र कुमार के साथ बैठे हुए पाए गए. इसको लेकर भी विभाग ने शिकंजा कसा है. आरोप है कि ये सभी टीचर क्लास छोड़कर एक ही जगह पर आराम फरमा रहे थे. जिला कार्यक्रम अधिकारी ने इस संदर्भ में विस्तृत रिपोर्ट सौंपकर हेडमास्टर जितेन्द्र कुमार से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है.
''बैरिया प्रखंड के राजकीय मध्य विद्यालय पखनाहा में कुल नामांकन 1004 के विरुद्ध छात्रों की उपस्थिति पंजी में 403 दर्ज किया गया. जब भौतिक रूप से सत्यापन किया गया तो मात्र 26 छात्र-छात्राएं उपस्थित पाए गए. ये व्यापक गड़बड़ी एवं गबन का मामला बनता है. जांच रिपोर्ट में बताया है कि 26 विद्यार्थियों के जगह पर 403 विद्यार्थियों की हाजिरी लगाई गई है.''- कुणाल गौरव, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी
बेतिया में मिड डे मील घोटाले पर हेडमास्टर को जारी स्पष्टीकरण लेटर शिक्षा विभाग ने मांगा स्पष्टीकरण : जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि जांच से स्पष्ट है कि राजकीय मध्य विद्यालय पखनाहा के प्रधानाध्यापक जितेंद्र कुमार के द्वारा मध्यान भोजन योजना की राशि एवं खाद्यान्न का गबन किया जा रहा है. इस कृत्य के लिए विभागीय दिशा निर्देश के संदर्भ में विद्यालय के प्रधानाध्यापक से तीन माह के कार्य दिवस के बराबर की राशि वसूल करने का स्पष्टीकरण दिया गया है.
तीन माह के बराबर वेतन वसूली का नोटिस : जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कुणाल गौरव ने पीएम पोषण योजना मद से आवंटित राशि के गबन का मामला मानते हुए कार्रवाई शुरू की है. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने 3 से 11 अक्तूबर तक के विद्यालय अवधि में प्रतिदिन की 754 विद्यार्थियों की हाजिरी को भी फर्जी मानते हुए विद्यालय के प्रधानाध्यापक जितेंद्र कुमार से बिंदुवार स्पष्टीकरण की मांग की है. दो दिनों के अंदर अगर उनके द्वारा अगर स्पष्टीकरण नहीं दिया गया तो उनके ऊपर विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
स्थानांतरण के दौरान हुआ था बवाल: ये वही प्रधानाध्यापक जितेंद्र कुमार हैं जिनके ट्रांसफर के बाद गांव में बवाल मच गया था. 2 महीने पहले इस स्कूल से उनका दूसरे विद्यालय में स्थानांतरण किया गया था, तब छात्रों ने सड़क जामकर आगजनी की थी. गाड़ियों के शीशे तोड़े गए थे. स्कूल में तोड़फोड़ हुआ था और जमकर हंगामा हुआ था. जिसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी और अधिकारियों को वहां पर जाना पड़ा और उनका स्थानांतरण वापस लेना पड़ा. उन्हें निर्देश दिया गया कि आप इसी विद्यालय में बने रहेंगे.
तबादला रोकने के लिए काम कर गई थी तरकीब?: ऐसे में यह साफ हो जाता है कि कहीं ना कहीं यह पूरा मामला गबन से ही जुड़ा है. विद्यालय के प्रधानाध्यापक की यह करतूत उस बात की भी गवाही दे रही है कि किस तरह से विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने कहीं ना कहीं सोच समझकर वह बवाल करवाया होगा ताकि वहां पर रहकर वह मध्यान भोजन में इतनी बड़े गबन को अंजाम दे सके.
पहले भी हो चुका है गड़बड़झाला: बता दें कि इससे पहले चनपटिया प्रखंड के मध्य विद्यालय गोबीनापुर में भी मध्याह्न भोजन योजना में गबन का मामला उजागर हुआ था. जिसको लेकर डीपीओ समग्र शिक्षा अभियान द्वारा जांच कर वहां के प्रधानाध्यापक से जवाब पूछा गया था. लेकिन, इस मामले में क्या करवाई हुई ये कोई भी बताने को तैयार नहीं है.