बगहा:पश्चिम चंपारण जिले के बगहा के पिपरासी प्रखंड अंतर्गत भिलोरवा गांव में बुखार से एक माह के भीतर सास और बहू की मौत हो गई. वहीं एक युवक का अभी भी इलाज चल रहा है. बुखार के बाद स्थिति गंभीर हो जाने से यह घटना घटी है. मामले की जानकारी जिला स्वास्थ्य टीम तक पहुंची तो जिले से मेडिकल टीम गांव पहुंची और दर्जनों लोगों का ब्लड सैंपल कलेक्ट कर जांच के लिए जीएमएचसी बेतिया भेज दिया है. गांव के लोग रहस्यमयी बुखार से भयभीत हैं.
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रहस्यमयी बुखार से सास-बहू की मौत: बताया जा रहा है कि एक माह के भीतर एक ही परिवार के सास और बहू की मौत हो चुकी है. दरअसल, 50 वर्षीय सोनी देवी की मौत एक माह पहले हुई थी. जिसके बारे में बताया जा रहा है कि उसे दो दिनों तक हाई फीवर हुआ और फिर बोलने सुनने की शक्ति क्षीण हो गई. इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराय गया. जहां इलाज के क्रम में उसकी मौत हो गई. महिला की मौत के 26 दिन बाद 4 सितंबर को उसकी बहू सविता देवी (32 वर्ष) को भी इस रहस्यमयी बुखार ने लील लिया.
बुखार से ग्रामीणों में भय का माहौल: 32 वर्षीय सविता देवी का इलाज भी गोरखपुर के एक निजी अस्पताल में चल रहा था. इन दो घटनाओं से पीड़ित परिवार अभी उबर भी नहीं पाए कि इसी बीच निखिल नाम के लड़के की तबियत बिगड़ गई है. जिसका इलाज यूपी के पडरौना में हुआ. अब चिकित्सकों ने उसे गोरखपुर रेफर कर दिया है. रहस्यमय बुखार के बाद हुई दो मौत से ग्रामीण चिंतित हैं. हालांकि, पिपरासी स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी रवीन्द्र मिश्रा के नेतृत्व में मेडिकल टीम ने गांव में जाकर जांचों परांत दर्जनों लोगों का ब्लड सैंपल लिया है.
जांच के लिए भेजा गया ब्लड सैंपल: पीएचसी प्रभारी ने बताया की उन्हें सूचना मिली की हाई फीवर बुखार से एक ही परिवार के दो सदस्यों की मौत हो गई है और एक लड़का इलाजरत है, तो जांच के लिए एक मेडिकल टीम ने गांव का दौरा किया. इस दौरान पीड़ित परिवार के सदस्यों समेत आसपास के 20-22 लोगों का ब्लड सैंपल लेकर जीएमसीएच जांच के लिए भेजा गया है. जांचोंपरांत ही स्पष्ट हो पाएगा की मौत किन कारणों से हुई है. सिर्फ बुखार से मौत हो जाने की पुष्टि करना अभी जल्दबाजी होगी.
"पीड़ित परिवार के सदस्यों समेत आसपास के 20-22 लोगों का ब्लड सैंपल लेकर जीएमसीएच जांच के लिए भेजा गया है. जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा की मौत किन कारणों से हुई है. सिर्फ बुखार से मौत हो जाने की पुष्टि करना अभी जल्दबाजी होगी. मैं लोगों से अपील करना चाहूंगा कि वह किसी भी अफवाह में न पड़ें और यदि बुखार होता है तो झोला छाप डॉक्टरों की बजाय स्वास्थ्य केंद्र में आकर अपना इलाज कराएं."- डॉ रविन्द्र मिश्रा, पीएचसी प्रभारी