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बेतिया: लॉकडाउन में बिका पत्नी का मंगलसूत्र, फिर भी नहीं मिला आसरा

नेपाल निवासी मुन्ना सिंह अपनी पत्नी के गहने और मंगलसूत्र बेचकर अपना खर्च चलाने लगें. इसके बाद भी लॉकडाउन में फंसा यह परिवार अपने घर नेपाल नहीं पहुंच पाए और बेतिया स्टेशन को अपना ठिकाना बना लिया.

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Published : Jun 8, 2020, 10:17 PM IST

बेतिया:कोरोना को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन किया गया. ऐसे में पूरा कामकाज ठप हो गया. इस कारण नेपाल के परसा जिला के वीरगंज निवासी मुन्ना सिंह ने अपनी पत्नी की मंगलसूत्र को बेचकर अपना खर्च चलाने लगें.

क्या है पूरा मामला
नेपाल का एक परिवार लॉकडाउन से पहले हरियाणा में अपनी दोस्त के बेटी की शादी में गया था. लेकिन अचानक लॉकडाउन होने के कारण में वह हरियाणा में फंस गया. कुछ दिन तक वह परिवार अपने पास रखे पैसे से दिन काट लिया. इस आस में की लॉकडाउन खत्म होगा तो घर चले जाएंगे. लेकिन लॉकडाउन खत्म होने के बजाय बढ़ता ही गया और जेब में रखे पैसे भी खत्म हो गए. तो नेपाल निवासी मुन्ना सिंह अपनी पत्नी के गहने और मंगलसूत्र बेचकर अपना खर्च चलाने लगें. इसके बाद भी लॉकडाउन में फंसा यह परिवार अपने घर नेपाल नहीं पहुंच पाए. लेकिन बेतिया स्टेशन को अपना ठिकाना बना लिया.

लॉकडाउन में फंसा परिवार

हरियाणा में फंसा नेपाल का यह परिवार 5 जून को सत्याग्रह एक्सप्रेस ट्रेन से बेतिया पहुंचा. लेकिन पास में रखा पैसा खत्म होने और इंडो-नेपाल सीमा 30 जून तक सील होने के कारण फिर से वह बेतिया में फंस गया. मुन्ना सिंह ने बताया कि पैसे नहीं होने के कारण स्टेशन पर तैनात कर्मचारी दो वक्त का खाना खिला देते हैं. ऐसे में समझ नहीं आ रहा है कि वह क्या करें. वह मदद की गुहार लगा रहे हैं कि कोई मदद करें. तो हम अपने देश नेपाल चले जाएं.

देखें रिपोर्ट

'बेटी को दूध पिलाने के लिए पैसे नहीं'
नेपाल निवासी मुन्ना सिंह ने बताया कि 10 महीने की एक मासूम बेटी भी है. उस मासूम बेटी को दूध पिलाने के लिए पैसे भी नहीं हैं. पानी और मां की दूध से बच्ची की भूख मिटती है. लेकिन से भूख से बच्ची के रोने पर धैर्य जवाब देने लगा है. वहीं, इस बीच 17 वर्षीय बेटी की भी तबीयत खराब है और बेटी के बीमार होने के बाद मुन्ना व उनका परिवार पूरा परेशान है.

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