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बेतिया: कोरोना से मरने वाले मृतकों के आश्रितों को मिले 4 लाख का मुआवजा, माले ने उठाई मांग

पश्चिम चम्पारण जिले के नरकटियागंज में माले नेता सह सिकटा विधायक प्रतिनिधि ने ग्रामीण स्तर पर कोरोना जांच के साथ अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर सरकार को घेरा है. इसके साथ ही उन्होंने महामारी में मरने वाले सभी मृतकों के आश्रितों को 4 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है.

मुआवजे की मांग
मुआवजे की मांग

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Published : May 24, 2021, 4:01 PM IST

बेतिया:नरकटियागंज में सिकटा विधायक प्रतिनिधि सह भाकपा माले नेता मुखतार मियां ने प्रेस वार्ता किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान तमाम मृतकों के आश्रितों को सरकार 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दें. आगे कहा की अनेक मौत ऐसी भी हैं जिनमें कोविड के तमाम लक्षण पाए गए, लेकिन न तो एंटीजन टेस्ट और न ही आरटीपीसीआर जांच पॉजिटिव आया. ऐसे लोगों को सरकार के माध्यम से तय 4 लाख का अनुदान नहीं मिल पा रहा है.

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सरकार को करनी चाहिए सहायता
माले नेता मुख्तार मियां ने कहा कि कई लोग अस्पताल में कुव्यवस्था के कारणों से कोविड की जांच ही नहीं करा रहे. अस्पतालों में आम बीमारियों का इलाज बंद होने से भी अनेक लोग समुचित इलाज के अभाव में मर रहे हैं. माले नेता ने मांग कि है कि सरकार ऐसे तमाम लोगों को 4 लाख की अनुग्रह राशि प्रदान करे. साथ ही अनाथ हुए बच्चों के भरण-पोषण की जिम्मेवारी ले. महामारी के दौरान रोज कमाने-खाने वाले ग्रामीण और शहरी, गरीबों, छोटे दुकानदारों, माइग्रेंट वर्कर्स और बेरोजगारों पर विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा है. सरकार को इनकी सहायता में आगे आना चाहिए.

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फसलों की क्षति पर मुआवजा देने की मांग
माले नेता मुख्तार मियां ने सरकार से मांग की है कि राशन कार्डधारियों समेत तमाम गरीबों, बेरोजगारों को आगामी 6 महीने तक सरकार प्रति परिवार 10 किलो सूखा अनाज के साथ 6000 रुपये का गुजारा भत्ता दे. मनरेगा और इसी तरह की शहरी व्यवस्था के तहत ग्रामीण और शहरी श्रमिक वर्ग के लिए काम की गारंटी दी जाए. 50 कार्य दिवस का डीम्ड वर्क मानकर मनरेगा मजदूरों को उसके समतुल्य पारिश्रमिक का भुगतान किया जाए. सब्जी उत्पादक किसानों की सब्जियां खेतों में सड़ रही है. सरकार उनके लिए बाजार और फसलों की बिक्री की गारंटी करें और उन्हें फसल क्षति मुआवजा दे.

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