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बेतिया: सड़क और स्टेडियम में आई समंदर जैसी लहरें, बह गई एक बाइक

जिले में गंडक नदी के बढ़े जलस्तर के बाद सड़कें जलमग्न हो गई हैं. लोग जान हथेली पर लेकर ऊंचे स्थानों की ओर विस्थापित हो रहे हैं.

बेतिया से जितेंद्र कुमार गुप्ता की रिपोर्ट
बेतिया से जितेंद्र कुमार गुप्ता की रिपोर्ट

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Published : Jul 21, 2020, 3:57 PM IST

Updated : Jul 21, 2020, 4:52 PM IST

पश्चिम चंपारण (बेतिया) :जिले में गंडक नदी उफान पर है. ऐसे में ईटीवी भारत संवाददाता ने यहां से जो तस्वीरें भेजी हैं, वो काफी डरावनी हैं. यहां सड़कों पर नदी की लहरें दिखाई दे रही हैं. वहीं, स्टेडियम जलमग्न हैं. कुल मिलाकर नजारा किसी समंदर की तरह दिखाई दे रहा है .

बाढ़ के चलते लौरिया-रामनगर सड़क मार्ग पूरी तरह बाधित हो गया है. यह डायवर्सन बाढ़ की भेंट चढ़ गया है. सड़क पर 4 फीट तक पानी चल रहा है. वहीं, मार्ग के किनारे स्थित साहू जैन स्टेडियम का झील में तब्दील हो गया है.

बेतिया से जितेंद्र कुमार गुप्ता की रिपोर्ट

गंडक में उफान के बाद चारों ओर सिर्फ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है. आलम यह है कि जहां गांव के गांव बाढ़ प्रभावित हैं, तो वहीं मुख्य मार्ग भी जलमग्न हैं. दूसरी तरफ प्रशासन की लापरवाही भी सामने आ रही है.

ये नदी या समंदर नहीं, जलमग्न सड़क है

नहीं लगाई गई बैरेकेटिंग
जिले में बाढ़ को लेकर तो अलर्ट जारी कर दिया गया. लेकिन लौरिया प्रशासन ने टूटे हुए डायवर्सन पर रेड पट्टी नहीं लगाई. इसकी वजह से राहगीर जान हथेली पर लेकर डायवर्सन पार करने की कोशिश कर रहे हैं. लौरिया से रामनगर जाने के लिए लगभग 4 से 5 दर्जन पंचायतों का सड़क संपर्क पूरी तरह से भंग हो चुका है.

झील बना साहू स्टेडियम

'हर साल बह जाता है डायवर्सन'
ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 3 साल से यह डायवर्सन बनाया जा रहा है और हर साल ये सड़क टूट जा रही है. जिसकी वजह से क्षेत्र में आवागमन बाधित हो जा रहा है और सड़क संपर्क भंग हो जा रहा है.

बह गई बाइक
वहीं, सड़क पर सैलाब मार रहे नदी के पानी में एक बाइक समा गई है. स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों की मानें, तो एक युवक इस मार्ग से जा रहा था. तभी वो फिसल गया और डूबने लगा, उन्हें किसी तरह बचाया गया. लेकिन उसकी बाइक यहीं फंसी हुई है, जो अब नहीं दिख रही है.

गंडक में नहीं ही सड़क पर भी उफान

बहरहाल, जिला बाढ़ से प्रभावित है. यहां के दर्जनों गांव जलमग्न हैं. लोग विस्थापित हो रहे हैं और ऊंचे स्थानों पर डेरा जमा रहे हैं. देखना होगा कि प्रशासन कब तक इन बाढ़ पीड़ितों की जान बचाने के लिए सख्त से सख्त कदम उठाती है.

Last Updated : Jul 21, 2020, 4:52 PM IST

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