पश्चिम चंपारण (बेतिया):बिहार में सरकार शिक्षा को लेकर हर साल करोड़ों का बजट जारी करती है. शिक्षा के इंफ्रास्ट्रक्चर को दुरुस्त करने के तमाम दावे किए जाते हैं, लेकिन बेतिया में सरकार के ये दावे खोखले साबित हो रहे हैं.शिक्षा व्यवस्थाका क्या हाल है इसको जानने के लिए ईटीवी भारत ग्राउंड जीरो पर पहुंचा. चनपटिया प्रखंड के लालगढ़ पंचायत के पांडे टोला (Pandey Tola of Lalgarh Panchayat) में स्थित उच्च माध्यमिक विद्यालय लालगढ़ में एक भी शिक्षक (lack of teachers In Bettiah) मौजूद नहीं थे जिस कारण स्कूल में ताला लटका था.
कागजों पर चल रहा स्कूल:जबसे उच्च माध्यमिक विद्यालय लालगढ़ की स्थापना हुई है, तबसे स्कूल में शिक्षक की नियुक्ति (Higher Secondary School Lalgarh in Bad Condition) नहीं हुई है. इस वजह से स्कूल में ताले लटके हुए मिले. शिक्षकों की कमी के कारण बच्चे स्कूल नहीं आते हैं. विद्यालय में नौवीं और दसवीं की पढ़ाई के लिए छात्रों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है. लगभग 100 छात्रों का एडमिशन हुआ है. कुल तीन शिक्षक हैं जो माध्यमिक विद्यालय के बच्चों को पढ़ाने के योग्य हैं. लेकिन उन्हें उच्च विद्यालय के बच्चों को भी पढ़ाना पड़ता है. 1 शिक्षिका की प्रतिनियुक्ति की गई है. कुल मिलाकर शिक्षकों के अभाव में स्कूल में ताला लटकता रहता है और विद्यालय कागजों पर ही चलता है.
स्कूल में ताला:जमीनी हकीकत देखने पर पता चला कि विद्यालय में कोई शिक्षक नहीं है. बुनियादी विद्यालय के शिक्षक रत्नेश कुमार ने बताया कि यहां पर 1 शिक्षिका की प्रतिनियुक्ति की गई है, जो माध्यमिक विद्यालय के लिए थी. वह भी आज छुट्टी पर हैं, इसलिए यह विद्यालय बंद है. लेकिन विद्यालय की दशा और दिशा देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि विद्यालय खुलता है या बंद रहता है. माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों के कंधों पर ही उच्च विद्यालय के छात्रों को पढ़ाने की जिम्मेदारी है.
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